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Paper Leak Case: भंग कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव से होगी पूछताछ, विजिलेंस ने कल ही दर्ज की थी FIR

Himachal Pradesh का कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामलों में कई दिनों से चर्चा में है। वहीं अब भंग हो चुके चयन आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर विजिलेंस ब्यूरो के शिकंजे में हैं। विजिलेंस ने कल ही उनके खिलाफ एक और मामले में FIR दर्ज की थी। ज्ञात रहे कि पेपर लीक के 11 मामलों में अब तक 23 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav TiwariUpdated: Wed, 26 Jul 2023 05:51 PM (IST)
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भंग कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव से होगी पूछताछ

हमीरपुर, जागरण संवाददाता। भंग कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में विजिलेंस टीम धड़ाधड़ मामले दर्ज कर रही है। जिससे साफ हो गया है कि आयोग में पारदर्शिता नाम की कोई चीज अब नहीं बची हैं। आयोग में पेपर लीक होने का पहला मामला 23 दिसंबर 2022 को दर्ज हुआ और अब तक 11 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। जिस आयोग से युवाओं को पारदर्शिता के साथ रोजगार मिलता था आज जांच के बाद पता चल रहा है कि आयोग में भ्रष्टाचार ने सारी सीमाएं ही लांग दी हैं।

भंग कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को जिस तरह से विजिलेंस टीम ने पेपर लीक मामलों में नामजद कर मुख्य आरोपितों लिस्ट में डाला है उससे आयोग में रोजगार के लिए लिखित परीक्षा देने वाले युवा भी बहुत हैरान हैं। विजिलेंस टीम किसी भी समय आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को पूछताछ के लिए बुला सकती है।

'जितेंद्र कंवर को केवल एक ही मामले में मिली है जमानत'

विजिलेंस टीम का कहना है कि केवल एक ही मामले में जितेंद्र कंवर को कोर्ट से जमानत मिली है और अन्य मामलों में फिर से उनसे पूछताछ की जाएगी। विजिलेंस थाना हमीरपुर में 11 मामलों में 23 लोगों के खिलाफ केस दर्ज है। जिसमें पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर, निलंबित वरिष्ठ सहायक उमा आजाद व उनके बेटे निखिल आजाद व नितिन आजाद मुख्य आरोपित बनाए गए हैं।

मोबाइल में खींचे जाते थे पेपर के फोटो

पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर की अब मुश्किलें बढ़ती ही जाएंगी और हर मामले में उनसे गहन पूछताछ की जाएगी और विजिलेंस जांच को तेजी से आगे बढ़ाएगी। विजिलेंस से मिले तथ्यों के मुताबिक, पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर आयोग में बनी गोपनीय शाखा के नियमों व शर्तों का भी ध्यान नहीं रख पाए हैं। वहीं, उमा आजाद जिस तरह से अपने मोबाइल में प्रश्न पत्रों के फोटो खींचकर उन्हें लीक करने के लिए अपने बेटों का सहारा लेती रहीं वह भी बहुत चौंकाने वाला है।

'कैंडिडेट्स से लिए गए लाखों रुपये'

यही नहीं, कैंडिडेट्स को पेपर लीक करवाना और फिर उनसे लाखों रुपये बदले में लेना भी इसमें शामिल है। भंग कर्मचारी चयन आयोग के मामलों की दो दिन पहले हुई बैठक में डीआईजी जी. शिवा कुमार व पुलिस अधीक्षक विजिलेंस मंडी राहुल नाथ, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजिलेंस हमीरपुर रेणु शर्मा सहित सभी जांच अधिकारियों ने मामले पर गहनता से मंथन किया था। बैठक में ही तह हो गया था कि जिस तरह से भंग कर्मचारी आयोग हमीरपुर में पेपर लीक होते रहे उससे अब पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर की मुश्किलें बढ़ती जाएंगी।