Himachal News: 'जयराम ने हमीरपुर में नहीं किया विकास, धूमल को किया कमजोर...', CM सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष पर कसा तंज
Himachal Politics हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhu) ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर निशाना साधा है। सुक्खू ने कहा कि जयराम ठाकुर ने हमीरपुर में कोई भी विकास नहीं किया है। वहीं सुक्खू ने कहा कि धूमल को भी कमजोर किया गया। सीएम सुक्खू ने हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार किया।
जागरण संवाददाता, हमीरपुर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhu) ने कहा कि प्रेम कुमार धूमल के हारने पर हमीरपुर जिले को बड़ा नुकसान हुआ। जयराम ने धूमल को कमजोर करने के लिए हमीरपुर में विकास कार्य रोक दिए। हमीरपुर से कोई मंत्री नहीं बनाया।
2017 में मुख्यमंत्री थे धूमल
धूमल 2017 में घोषित मुख्यमंत्री थे, उन्हें साजिश के तहत हराया गया। इसमें भाजपा के साथ वे लोग शामिल थे, जिन्होंने वर्तमान सरकार को गिराने की साजिश रची। किसी ने सोचा नहीं होगा कि हमीरपुर जैसे छोटे जिला को दोबारा मुख्यमंत्री मिलेगा लेकिन, कांग्रेस ने पहली बार निचले हिमाचल से मुख्यमंत्री बनाया। मेरे ही जिला के तीन विधायक सरकार गिराने के षड्यंत्र में शामिल हुए।
सीएम ने कांग्रेस उम्मीदवारों का किया चुनाव प्रचार
मुख्यमंत्री ने ये बातें बुधवार को हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के बल्ह, बलोह, अग्घार, दरोग, खग्गल व धनेड में कांग्रेस उम्मीदवार डा. पुष्पिंदर वर्मा के पक्ष में चुनाव प्रचार के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि जब सरकार गिराने की कोशिश हुई तो शिमला, कांगड़ा, सिरमौर, कुल्लू, ऊना के दो, चंबा इत्यादि जिलों के 34 विधायक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, लेकिन हमीरपुर जिला के तीन विधायकों ने गद्दारी की।आशीष शर्मा ने पैसे के अहंकार में दिया इस्तीफा: सीएम सुक्खू
आजाद विधायक आशीष शर्मा ने पैसे के अहंकार में ही 14 माह में इस्तीफा दिया और सोचा कि पैसे के दम पर वोट खरीदकर साढ़े तीन साल के लिए दोबारा विधायक बन जाएंगे। मेरा हमीरपुर की जनता से अनुरोध है कि धनबल की राजनीति करने वालों को कड़ा सबक सिखाएं।यह भी पढ़ें: Himachal News: हिमाचल सरकार की बड़ी पहल, हर सरकारी विभाग में बनेगा E-चार्जिंग स्टेशन; अब प्रदेश में इतनी हुई संख्या
सुक्खू ने कहा कि अगर कांग्रेस सरकार काम नहीं कर रही थी तो भाजपा के साथ विपक्ष में बैठ जाते, इस्तीफा देने की जरूरत क्या थी। लेकिन, भाजपा से मिले सामान से भरे अटैची का दबाव था व दूसरी किस्त भी लेनी थी। अब भी वह विधायक बनने का चुनाव लड़ रहे हैं। अगर पहले काम नहीं हो रहे थे तो अब किससे उम्मीद है कि काम हो जाएंगे। इसलिए कांग्रेस उम्मीदवार डा. पुष्पिंद्र वर्मा को वोट दें।
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