हिमाकत या लापरवाही! NIT कॉलेज में कड़ी सुरक्षा के बावजूद हॉस्टल में कैसे पहुंच रहा मादक पदार्थ, गठित की जांच कमेटी
Drugs in NIT एनआईटी के हर गेट पर सुरक्षा कर्मी तैनात होने के बाद भी हॉस्टल के अंदर चिट्टा कैसे पहुंच रहा है। इस मामले को लेकर हॉस्टल वार्डन और सहायक वार्ड भी संदेह के घेरे में आ गए हैं। एनआईटी में 4500 छात्र-छात्राएं शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इस मामले की जांच के लिए संस्थान ने अनुशासन समिति का गठन किया है जो अपनी रिपोर्ट निदेशक को सौंपेगी।
रणवीर ठाकुर, हमीरपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर (एनआईटी ) में नशे की ओवरडोज लेने पर हुई एक छात्र की मौत के बाद छात्रों की सुरक्षा एजेंसी पर सवालिया निशान लग गया हैं। एनआईटी के हर गेट पर एक नहीं दो-दो सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं फिर भी सुरक्षा के घेरे में नशा माफिया सेंध लगाने पर सफल हो गया हैं।
बता दें कि एनआईटी में मुख्य मुख्य गेट के साथ गेट वन और गेट टू है, जिस पर हर वक्त सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं और एनआईटी में व्यक्ति प्रवेश कर सकता है जिसे सुरक्षा कर्मी पहले अपने पास पंजीकृत करते हैं और उसके बाद उसे एनआईटी में यह पूछकर प्रवेश देते हैं कि किस ब्रांच व किस हॉस्टल में किससे मिलने जा रहे हैं। हर गेट पर सुरक्षा कर्मी होने के बावजूद भी चिट्टा की रिकवरी पुलिस छात्रों के हॉस्टलों से कर रही है तो फिर इससे बड़ी हैरानी की बात क्या हो सकती हैं।
अनुशासन समिति सौंपेगी निदेशक को रिपोर्ट
अभी तो नशे की ओवरडोज से सुजल शर्मा की मौत हुई है लेकिन यहां तो देश और विदेश सहित कई राज्यों से छात्र शिक्षा हासिल कर रहे हैं तो फिर उनके भविष्य की चिंता और सुरक्षा कौन करेगा। एनआईटी में 125 सुरक्षा कर्मी छात्रों की सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए हैं लेकिन भारी चूक के चलते एनआईटी प्रशासन भी काफी सकते में दिख रहा हैं। अब एनआईटी की गठित अनुशासन समिति की ओर से सख्ती से अपना कार्य शुरू कर दिया हैं और इसकी रिपोर्ट निदेशक एच एल सूर्यवंशी को सौंपी जाएगी।
वार्डन और सहायक वार्डन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
हर स्तर पर एनआईटी में पहुंच रही नशे की खैफ से हर कोई हैरान हैं। हॉस्टल वार्डन और सहायक वार्डन की कार्यप्रणाली भी संदेश के घेरे में आ गई हैं । केवल हॉस्टल वार्डन या फिर सहायक वार्डन सुरक्षा कर्मियों सहित छात्रों के कमरे में प्रवेश कर सकते है और दूसरा कोई भी अंदर नहीं जा सकता हैं लेकिन यहां तो हॉस्टल में चिट्टा तस्कर रात बिताकर छात्रों के हितों से खिलवाड़ करता जा रहा हैं।
एनआईटी हमीरपुर में 4500 छात्र और छात्राएं कर रहे हैं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। इसमें कुल 13 हॉस्टल हैं जिनमें 9 हॉस्टल लड़कों के लिए और चार हॉस्टल लड़कियों के लिए हैं। हॉस्टलों के बाहर खुली दुकानों और कैंटीनों के स्टॉफ पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है। सभी छात्र छात्राएं यहां पर हर पल आते जाते रहते हैं और इन्हें भी बाहर से आने वाले माफिया का पूरा ज्ञान रहता है।
देई का नौण पंचायत की पंच ने निदेशक को सौंपा था पत्र
हमीरपुर के देई दा नौण पंचायत के पंच किरण राणा ने एनआईटी के निदेशक एचएल सुर्यवंशी के नाम घटना घटने से बहुत पहले पत्र लिखकर आगाह किया था कि एनआइटी के विद्यार्थी उनकी पंचायत में पन्याला गांव के जंगल में पहुंचकर चिट्टा तस्करों के साथ देखे गए हैं। आप इसको लेकर शीघ्र कार्रवाई अमल में लाएं लेकिन उनके पत्र पर न तो उन्हें कोई जबाब ही दिया गया और न ही नशा माफिया पर शिकंजा कसा गया।
किरण राणा ने बतौर पंच एनआईटी प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा किया हैं और कहा है कि इस तरह एनआइटी के बच्चों का भविष्य कैसे संवर सकता हैं । जब घटना हो गई तो अब तरह - तरह की बातें की जा रही हैं।
हर हॉस्टल की होगी बारीकी से छानबीन
एनआईटी हमीरपुर के निदेशक प्रो. एच एल सूर्यवंशी ने बताया कि हर हॉस्टल की छानबीन होगी। सुरक्षा कर्मियों की जबावदेही फिक्स की जाएगी। हॉस्टल वार्डन और सहायक वार्डनों से जबाव लिया जाएगा। अनुशासन समिति ने जांच बिठा दी हैं और हर स्तर पर नशा माफिया पर शिकंजा कसा जाएगा। इतने सुरक्षा कर्मी होने के बावजूद भी चिट्टा हॉस्टल में चिट्टा कौन लाया और कैसे रिकबर हुआ और कहा से आया है यह अलग-अलग पहलू हैं। पुलिस जांच के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। एनआईटी प्रशासन हर स्तर पर छात्रों की सुरक्षा के लिए वचनबद्व हैं और अनुशासन नहीं तोड़ने दिया जाएगा।
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