कांग्रेस MLA राजेंद्र राणा ने CM सुक्खू को सात बिंदुओं पर लिखा पत्र, कई मुद्दों पर अपनी ही सरकार को घेरा
हिमाचल में कांग्रेस के सत्तासीन होने के बाद से विपक्ष के साथ अपने विधायक भी सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं। कुछ दिन पहले फेसबुक पर टिप्पणी करने वाले सुजानपुर के कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने सात बिंदुओं के जरिये मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को जनहितैषी कार्यों के लिए सचेत किया है। राणा ने करुणामूलक नौकरी कर्मचारी चयन आयोग को बहाल करने समेत कई मुद्दे उठाए हैं।
हमीरपुर, जागरण संवाददाता। MLA Rajinder Rana Letter To CM Sukhu सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर युवाओं को रोजगार व आउटसोर्स कर्मचारियों को न्याय दिलाने को कहा है। राणा ने दो पेज के पत्र में मुख्यमंत्री से कहा है कि विपक्ष में रहते हुए जिन मामलों को हम लगातार उठाते रहे हैं, उन्हें जल्द अमलीजामा पहनाया जाए।
उन्होंने करुणामूलक नौकरी, कर्मचारी चयन आयोग को बहाल करने समेत कई मुद्दे उठाए हैं। कर्मचारी चयन आयोग भंग होने के कारण भी कई भर्तियां अधर में हैं। विवाद रहित परीक्षाओं के परिणाम लंबित रहने के कारण युवाओं की उम्मीद धूमिल हो रही है। कई आयु सीमा पूरी करने के कगार पर हैं, ऐसे में इन युवाओं को कांग्रेस सरकार से उम्मीदें हैं। इसलिए इन्हें जल्द रोजगार उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
राजेंद्र राणा ने इस पत्र से सात बिंदुओं के जरिये मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को जनहितैषी कार्यों के लिए सचेत किया है। उन्होंने पत्र में मानसून में आई आपदा के दौरान प्रदेश सरकार के किए गए कार्यों को भी सराहा है। उन्होंने पत्र में सुक्खू के छात्र जीवन से लेकर मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने के सफर और नेतृत्व का भी जिक्र किया है। उधर, इंटरनेट मीडिया पर पत्र प्रसारित होने के बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोगों ने इसे जनहित में उनके प्रयासों की सराहना की है जबकि कुछ लोग इसे राजनीतिक दृष्टि से देख रहे हैं।
राणा ने कुछ दिन पहले फेसबुक पर भी टिप्पणी की थी। इसके बाद भी कई तरह की अटकलें लगाई गई थीं। धर्मशाला से कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा भी इंटरनेट मीडिया पर कटाक्ष के जरिये सरकार को घेरने का प्रयास करते रहे हैं। हिमाचल में मंत्रिमंडल के तीन पद खाली हैं। राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा मंत्री पद के दावेदार रहे हैं। सबकी नजरें हिमाचल में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हैं।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र के अंश
1. लंबे समय से जो भर्तियों के परिणाम रुके हुए हैं, और जिन परीक्षाओं को युवाओं ने उत्तीर्ण कर लिया है उसका इंतजार युवा बेसब्री से कर रहे हैं। बहुत से युवा भर्ती की तय आयु पूरी कर रहे हैं। विपक्ष में रहते हुए भी लगातार युवाओं के हित की पैरवी की है और अब कांग्रेस सरकार से इन युवाओं को बहुत उम्मीदें हैं लिहाजा लंबित भर्ती परीक्षओं का परिणाम जल्द घोषित किया जाए।
2. हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन आयोग लंबे समय से बंद है। इसमें ईमानदार अधिकारी की तैनाती कर इसे फिर से क्रियाशील बनाने की मांग रखी है। इससे युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे।
3. पिछली सरकार के समय से ही हजारों युवा करुणामूलक आधार पर नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके पक्ष में फैसला किया जाना समय की मांग है।
4. पूर्व सरकार के कार्यकाल में जो पुलिस भर्ती में घोटाला हुआ था, अब इस मामले में संजीदगी दिखाने की जरूरत है। इस भर्ती घोटाले में जो अधिकारी संलिप्त थे, उन पर कड़ी कार्रवाई करने का लोग बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।
5. प्रदेश में फर्जी डिग्री के माध्यम से युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का मामला अभी तक ठंडा नहीं पड़ा है। जांच लंबी खिंचती रही है, जिस तरह से यह मामला सीबीआइ को सौंपा जाना चाहिए था लेकिन पूर्व सरकार ने इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। इस पर कड़ा फैसला लेना चाहिए।
6. आउटसोर्स कर्मचारियों को न्याय दिलाने का मुद्दा हम विपक्ष में रहते हुए सदन में उठाते रहे हैं। इन आउटसोर्स कर्मियों को अब आपसे न्याय की उम्मीद है।
7. कोरोना महामारी के दौर में नर्सिंग स्टाफ ने बड़ी तत्परता से अपनी भूमिका निभाई थी। उस मुश्किल भरे दौर में नर्सिंग स्टाफ की जो भर्ती हुई थी, उनके हित और भविष्य सुरक्षित रहना चाहिए और उनके साथ अब पूरा न्याय होना चाहिए।