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Himachal News: कांगड़ा में 91 लोगों को किया गया रेस्कयू, देर रात तक NDRF ने चलाया था रेस्क्यू ऑपरेशन

सोमवार को बारिश के चलते नदी नालों के जलस्तर बढ़ने से जिला कांगड़ा के दो स्थानों पर 91 लोग फंस गए थे। इनमें उपमंडल ज्वालामुखी के तहत अधबानी स्टोन क्रशर में 76 लोग फंसे थे। वहीं पौंग बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ने के कारण मण्ड मियानी में 15 लोग फंस गए थे। देर रात यहां के लोगों को भी रेस्कयू कर लिया है।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Tue, 15 Aug 2023 01:05 PM (IST)
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कांगड़ा में 91 लोगों को किया गया रेस्कयू (फाइल फोटो)
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। सोमवार को बारिश के चलते नदी नालों के जलस्तर बढ़ने से जिला कांगड़ा के दो स्थानों पर 91 लोग फंस गए थे। इनमें उपमंडल ज्वालामुखी के तहत अधबानी स्टोन क्रशर में 76 लोग फंसे थे। देर रात तक चले सर्च ऑपरेशन में इन लोगों को एनडीआरफ की टीम ने सुरक्षित निकाल लिया है। इसके अलावा पौंग बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ने के कारण मण्ड मियानी में 15 लोग फंस गए थे। देर रात यहां के लोगों को भी रेस्कयू कर लिया है।

43 कच्चे और 5 पक्के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त

उपायुक्त कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल ने कहा कि बारिश से निजी संपत्ति और सरकार दोनों सम्पति को नुकसान पहुंचा है। बारिश के चलते जिले में 43 कच्चे और 5 पक्के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि वहीं 59 कच्चे और 10 पक्के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 78 गोशालाएं और एक दुकान भी क्षतिग्रस्त हुई है। उन्होंने बताया कि इस दौरान 3 मवेशियों की जान भी गई है। प्रभावित को तुरंत फौरी राहत देने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।

172 सड़कें हुई थी अवरुद्ध, 111 बहाल

डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले में कल शाम से हुई भारी बारिश में कुल 172 सड़के अवरुद्ध हुईं थी, जिनमें से 111 को बहाल कर दिया गया है। वहीं 15 सड़कों को कल तक बहाल कर दिया जाएगा तथा शेष मार्गों को 15 अगस्त के बाद बहाल किया जाएगा।

जलशक्ति की 287 प्रभावित स्कीमों में से 155 रिस्टोर

डीसी ने बताया कि जिले में जल शक्ति विभाग की कुल 660 स्कीमों में से 287 भारी बरसात के चलते प्रभावित हो गई थीं, जिनमें से 155 को रिस्टोर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शेष बची स्कीमों को भी रिस्टोर करने का कार्य वॉर फुटिंग पर जारी है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में मुख्यतः धर्मशाला और पालमपुर की स्कीमें बाधित हुई थी, जिनमें से पालमपुर की पूरी तरह रिस्टोर कर दी गई है तथा धर्मशाला की स्कीम को 60 प्रतिशत के करीब रिस्टोर कर दिया गया है।

दो हजार ट्रांसफार्मर हुए थे बंद, 1300 किए ठीक

उपायुक्त ने बताया कि जिले में भारी बारिश के चलते बिजली बोर्ड के कुल दो हजार ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए थे। उन्होंने बताया कि इनमें से 1300 के लगभग ठीक कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि शेष 703 को भी पुनः संचालित करने के लिए बिजली बोर्ड के कर्मी कार्यरत हैं। उन्हांेने बताया कि लम्बागांव और बड़ोह की सप्लाई को ज्यादा नुकसान पहुंचा है तथा इसे भी आज रात तक रिस्टोर करने के प्रयास जारी हैं।

इन क्षेत्रों में स्थापित किए रिलीफ कैंप

बारिश और आपदा की स्थिति को दुखते हुए जिले में विभिन्न स्थानों पर प्रभावितों के लिए रिलीफ कैंप प्रशासन द्वारा स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नूरपुर के लदोरी, मिंज ग्रां में दो स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं। इंदौरा के माला, बेला इंदौरा और बड़ुखर में, धीरा के पनापर, बचवाल और गरदेहड़ में, जयसिंहपुर के कुड़ाना, देहरु और कोसरी में, ज्वालामुखी के अधवानी और खुंडियां तथा जवाली के भरमाड़, चचियां, अनूही तथा धार कोटला में राहत शिविर लगाए गए हैं।

काठगढ़ मंदिर में एनडीआरएफ की टीम तैनात

डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि ब्यास बेसिन में अत्याधिक बारिश का रेड अलर्ट होने के चलते अगले 24 घंटों में पंडोह और पौंग डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम को पहले से ही इंदौरा के काठगड़ मंदिर में तैनात कर दिया गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि ब्यास और पौंग के बहाव क्षेत्र से दूर रहें।

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