Chamunda Temple: चामुंडा मंदिर में लाखों की आमदनी वाली इस योजना के लिए प्रशासन नहीं गंभीर, श्रद्धालु भी मायूस
Chamunda Temple श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के अब भी कई प्रस्तावित योजनाएं सिरे नहीं चढ़ पाई जिससे श्रद्धालुओं के मन में यही सवाल उठता है कि सालाना करोड़ों की आमदनी फिर विकास कार्यों में इतनी देरी क्यों? ऐसी ही एक योजना है जिसमें पहले बोटिंग होती थी।
योल, संवाद सहयोगी। Chamunda Temple, श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के अब भी कई प्रस्तावित योजनाएं सिरे नहीं चढ़ पाई, जिससे श्रद्धालुओं के मन में यही सवाल उठता है कि सालाना करोड़ों की आमदनी फिर विकास कार्यों में इतनी देरी क्यों? ऐसी ही एक योजना श्री चामुंडा मंदिर में भी है, जिसमें पहले बोटिंग होती थी। इससे मंदिर को सालाना अनुमानित डेढ़ से दो लाख रुपये की आमदनी होती थी, लेकिन पिछले पांच साल बोटिंग ठप पड़ी रही। इसकी वजह यह भी बताई जा रही कि वर्ष 2016-17 के दौरान अनुमानित छह लाख रुये की लागत से एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के सौजन्य से मंदिर के सुंदरीकरण कार्य के चलते झील का भी नवीकरण करने किया जाना था, जबकि साल 2019 को एडीबी ने कार्य पूरा कर मंदिर प्रशासन को हैंडओवर कर दिया था। झील में पानी भी भर दिया परंतु बोटिंग का टेंडर नहीं हुआ। दिलचस्प बात यह है कि मंदिर प्रशासन झील के किनारे लगी टाइलें टूट जाने की दुहाई देकर इतिश्री कर लेता है, जबकि इसके लिए किनारों पर पुराने टायरों के रैप भी बनाए जा सकते हैं। इससे मंदिर की आमदनी तो बढे़गी ही धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
यह बोले स्थानीय लोग
टंग पंचायत के पूर्व प्रधान सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि श्री चामुडा मंदिर की झील काफी पुरानी है। इसे 90 के दशक में संजय घाट के नाम से बनाया गया था। यह धार्मिक ही नहीं ऐतिहासिक महत्व भी रखती है। यहां बोटिंग की व्यवस्था होने से अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र भी बन सकती है। पवन कुमार ने कहा कि पहले यहां बोटिंग की सुविधा होने से बच्चे ही नहीं अन्य पर्यटक भी लुत्फ उठाते रहे हैं। मंदिर प्रशासन को चाहिए कि फिर से इस योजना को शुरू किया जाए।
यह बोले न्यास सदस्य मुनीष सूद
इसके लिए आचार संहिता के बाद होने वाली मंदिर न्यास की बैठक में विस्तार से चर्चा की जाएगी । वैसे भी मंदिर न्यास श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
यह बोलीं एसडीएम धर्मशाला
एसडीएम धर्मशाला व सहायक मंदिर आयुक्त चामुंडा शिल्पी वेक्टा ने कहा कि मंदिर के सहायक अभियंता से बातचीत कर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी ।