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Atal Bihari Vajpayee: जब मनाली से चलता था प्रधानमंत्री कार्यालय, प्रीणी गांव से अटल का गहरा नाता

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary मनाली के प्रीणी वासी आज भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्य तिथि मना रहे हैं। वाजपेयी मनाली को अपना दूसरा घर मानते थे इस कारण उनका मनाली से गहरा नाता रहा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Updated: Mon, 16 Aug 2021 02:33 PM (IST)
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मनाली प्रवास के दौरान प्रीणी के ग्रामीणों के साथ अटल बिहारी वाजपेयी। फाइल फोटो
मनाली, जागरण संवाददाता। मनाली के प्रीणी वासी आज भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्य तिथि मना रहे हैं। वाजपेयी मनाली को अपना दूसरा घर मानते थे इस कारण उनका मनाली से गहरा नाता रहा है। ग्राम कमेटी प्रीणी ने आज अपने मुखिया को श्रद्धांजलि दी और उन्हें याद किया। अटल बिहारी वाजपेयी 1968 में पहली बार मनाली आए थे। मनाली की वादियों से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने मनाली को अपना दूसरा घर बना लिया। जीवनभर राजनीति में सक्रिय रहने वाले अटल 1992 के बाद मनाली के ही होकर रह गए।

और जब मनाली से ही चलता था प्रधानमंत्री कार्यालय

19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी हर साल जून महीने में एक सप्ताह तक मनाली से ही देश का संचालन करते थे। प्रीणी एक सप्ताह तक प्रधानमंत्री के कार्यालय में तबदील हो जाता था। प्रीणी निवासियों ने उन्हें मुखिया की उपाधि दी। वाजपेयी ग्रामीणों के प्रिय चाचू व बच्चों के प्रिय मामू बन गए। वाजपेयी ने प्रीणी के ग्रामीणों को अपना बना लिया और उनके सुख दुख के साझेदार बने।

मनाली के प्रीणी गांव में स्‍वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते गांव के लोग। ग्रामीण उन्‍हें अपना मुखिया मानते थे।

अटल टनल के रूप में हमेशा रहेंगे मौजूद

पूर्व प्रधानमंत्री अटल टनल रोहतांग के रूप में हमेशा कुल्लू-मनाली वासियों के बीच मौजूद रहेंगे। रोहतांग टनल का सपना जो वाजपेयी ने अपने लाहुली दोस्त अर्जुन गोपाल संग देखा था वो तीन अक्टूबर 2020 को  पूरा हो गया है। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टनल का लोकार्पण कर देश को समर्पित किया था। हिमाचल  सरकार ने 25 दिसंबर 2019 को उनकी स्मृति में रोहतांग टनल का नामकरण अटल टनल रोहतांग के रूप में करने की घोषणा की।

17 साल का हो गया अटल द्वारा लगाया देवदार का पौधा

अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रीणी गांव में 2004 में देवदार का पौधा रोपा था, जो आज 17 साल का हो गया है। गांव वासी इसे अटल जी की याद के रूप में देखते हैं व इसकी पूरी देखभाल करते हैं। स्कूल के प्रांगण में लगा यह पौधा हर विद्यार्थी को अटल बिहारी वाजपेयी की याद दिलाता रहेगा।

मनाली में विसर्जित की गई थी अस्थियां

2018 सितंबर में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां मनाली के पास कंचनीकूट में उनकी नातिन निहारिका ने अपनी माता एवं अटल की दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य की उपस्थिति में ब्यास में विसर्जित की थी।

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