Atal Rohtang Tunnel: पीएम मोदी सितंबर के आखिरी सप्ताह में देश को समर्पित करेंगे रोहतांग सुरंग
Atal Rohtang Tunnel अटल रोहतांग टनल का उद्घााटन 25 सितंबर के बाद कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं।
By Rajesh SharmaEdited By: Updated: Sun, 16 Aug 2020 03:24 PM (IST)
कुल्लू, जेएनएन। अटल रोहतांग टनल का उद्घााटन 25 सितंबर के बाद कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं। सितंबर के अंतिम सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुल्लू जिला के आने का कार्यक्रम होगा। इसको लेकर फोन पर भी प्रधानमंत्री से बातचीत हुई है। कोरोना संकट के बीच भी रोहतांग टनल का उद्घााटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आॅनलाइन नहीं, बल्कि यहां स्वयं आकर करेंगे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही है। जयराम ने कहा मनाली के प्रीणी गांव व कुल्लू जिला से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गहरा नाता रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था कि लाहुल देश-दुनिया से सालभर जुड़ा रहे। अब वह सपना जल्द ही पूर्ण होने वाला है।प्रधानमंत्री मोदी अटल के सपने को 25 सितंबर के बाद यहां पर साकार करेंगे। पीएम मोदी मनाली पहुंचकर रोहतांग टनल का उद्घाटन करेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी का हिमाचल प्रदेश से खासा लगाव था। इसका कारण मनाली में उनका दूसरा आशियाना भी था।
2002 में हुई थी शुरुआत 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने सासे में सुरंग तक मार्ग निर्माण की आधारशिला रखी थी। लेकिन अगले ही वर्ष सत्ता परिवर्तन के कारण अटल का यह सपना अधूरा रह गया। इसके बाद रोहतांग सुराग का शिलान्यास 28 अप्रैल 2010 को कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया था। इसके दो वर्ष बाद टनल निर्माण ने गति पकड़ी। टनल निर्माण पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2014 रखा गया था। लेकिन टनल निर्माण के दौरान सेरी नाला के पास पानी के रिसाव के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई। इस रिसाव को रोकने में बीआरओ के इंजीनियर और मजदूरों को करीब ढाई साल का समय लग गया। नतीजा यह रहा कि टनल निर्माण में छह साल का अतिरिक्त समय लग गया।
1600 से चार हजार करोड़ हुई लागतअटल रोहतांग टनल निर्माण में वर्ष 2010 में करीब 1600 करोड़ रुपये थी। लेकिन अब यह राशि बढ़कर चार हज़ार करोड़ रुपये तक पंहुच गई, जो शुरुआती बजट से दो गुणा से भी ज्यादा है।
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