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व्यवस्था होने तक महिला मंडल भवन में चले पंचायत

संवाद सहयोगी जसूर नूरपुर ब्लॉक के तहत आते व्यापारिक कस्बा जसूर की नवगठित पंचायत के जन

By JagranEdited By: Updated: Thu, 11 Mar 2021 01:51 AM (IST)
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व्यवस्था होने तक महिला मंडल भवन में चले पंचायत

संवाद सहयोगी, जसूर : नूरपुर ब्लॉक के तहत आते व्यापारिक कस्बा जसूर की नवगठित पंचायत के जनप्रतिनिधियों को कार्यालय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। आलम यह है कि पंचायत प्रतिनिधि जिस महिला मंडल भवन में अपना अस्थायी कार्यालय बनाना चाह रहे हैं, वहां उन्हें महिला मंडल की सदस्याएं फटकने नहीं दे रही हैं और न ही जनप्रतिनिधियों के पास कोई अन्य विकल्प है। ऐसे में चुनाव के बाद पंचायत की कोई बैठक भी नहीं हो पाई है। बिना किसी आशियाने के जनप्रतिनिधियों को लोगों के कार्य निपटाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रतिनिधियों को अस्थायी आशियाना दिलवाने का मामला नूरपुर प्रशासन के पास पहुंचा तो बुधवार को उपमंडल अधिकारी नूरपुर सुरेंद्र ठाकुर प्रशासनिक अमले के साथ मौके पर पहुंचें। इस दौरान नायब तहसीलदार देसराज, विकास खंड अधिकारी डाक्टर रोहित शर्मा, बाल विकास परियोजना अधिकारी की टीम भी मौके पर साथ रही। तथ्य जुटाए गए तो उक्त भवन में तीसरा पक्ष भी सामने आया, जिसमें राजस्व विभाग के रिकार्ड के मुताबिक उक्त जगह बाल विकास विभाग के नाम भी दर्ज है। एसडीएम द्वारा तीनों पक्षों के सामने सारे तथ्य रखे और उक्त जगह की निशानदेही के आदेश दिए। सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिए कि जब तक पंचायत का अपना स्थायी कार्यालय नहीं बनता तब तक पंचायत उक्त भवन के एक हाल का उपयोग कर सकती है।

गौरतलब है कि पहले कस्बा जसूर कमनाला पंचायत के तहत आता था जोकि बहुत बड़ी पंचायत थी, जिसका कार्यालय कमनाला में है। अब जसूर को अलग पंचायत का दर्जा मिल चुका है और नई पंचायत का गठन हुए काफी समय हो चुका है, लेकिन कस्बा में महिला मंडल भवन के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। भवन न होने के चलते पंचायत अपना कार्य नहीं कर पा रही है, ऐसे में महिला मंडल भवन में काम चलाऊ कार्यालय पंचायत चाहती थी, लेकिन महिला मंडल उसे न देने पर अड़ गया था। पंचायत प्रधान ज्योति देवी, उपप्रधान शशिकांत शर्मा ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए मामला सुलझाने की मांग की थी। जिस पर बुधवार को नूरपुर प्रशासन ने मौके पर सभी पक्षों में सामंजस्य बैठाकर मामला सुलझाया। प्रशासन की टीम ने मौके पर जाकर सभी पक्षों में सामंजस्य बैठाकर उक्त भवन में पंचायत को एक कमरा देने के आदेश दे दिए हैं और शीघ्र ही पंचायत वहां अपना अस्थायी कार्यालय बनाकर जनहित के कार्य शुरू कर देगी।

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