अप्रैल में बदले स्वरूप में होंगे चामुंडा मंदिर के दर्शन, साढ़े छह करोड़ से हो रहा कायाकल्प
Chamunda Devi Temple अब अप्रैल के अंत तक श्रद्धालुओं को श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम मंदिर परिसर के दर्शन बदले स्वरूप में होंगे।
By Rajesh SharmaEdited By: Updated: Mon, 24 Feb 2020 03:18 PM (IST)
योल, सुरेश कौशल। अब अप्रैल के अंत तक श्रद्धालुओं को श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम मंदिर परिसर के दर्शन बदले स्वरूप में होंगे। 2017 के दौरान एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने अनुमानित 6.50 करोड़ रुपये की लागत से मंदिर परिसर को संवारने का कार्य शुरू किया था। अब मंदिर जाने के लिए एक ही प्रवेश द्वार से गुजरना पड़ेगा। सभी चोर दरवाजे बंद हो जाएंगे। अब तक मंदिर गर्भ गृह में जाने के लिए झील किनारे से या फिर बनेर खड्ड के मुहाने से डोगरा रेजीमेंट द्वार से दरवाजे हैं। इससे सुरक्षा पर भी सेंध लगने का अंदेशा बना रहता है।
इसके अलावा झील किनारे पार्क तथा वाटिका का निर्माण किया गया है। इसमें विश्राम करने के लिए बैंच व हरी घास उगाई गई है। वहीं पुरानी झील के साथ ही एक और नई झील का निर्माण किया गया है। मंदिर परिसर के कार्य को पूरा करने के लिए अप्रैल 2019 तक का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कुछ तकनीकी अड़चनों के चलते परिसर को संवारने का कार्य निर्धारित समय अवधि में पूरा नहीं हो पाया। वहीं एडीबी के अधिशाषी अभियंता धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वैसे तो मार्च तक प्रस्तावित योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। फिर भी अप्रैल तक नए रूप में उभरकर श्री चामुंडा मंदिर परिसर सामने आएगा।
ज्वालाजी मंदिर में 25 हजार श्रद्धालुओं ने टेका माथा
श्री ज्वालाजी मंदिर में रविवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा शाम तक मंदिर में श्रद्धालुओं ने लाइनें लगी रही। करीब 25 हजार श्रद्धालुओं ने मां ज्वालामुखी की पावन व अखंड ज्योतियों के दर्शन किए और कन्या पूजन कर मां के भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर अधिकारी एवं तहसीलदार बीडी शर्मा ने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए मंदिर न्यास ने व्यापक प्रबंध किए हुए हैं। सर्दी का मौसम खत्म होने के बाद मंदिरों में श्रद्धालुओं की आमद काफी अधिक बढ़ जाती है।
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