Himachal Election Result: आठ दिसंबर को 11 बजे साफ हो जाएगी हिमाचल की नई सरकार की तस्वीर : मनीष गर्ग
Himachal Election Result हिमाचल प्रदेश में 14वीं विधानसभा के गठन के लिए मतगणना आठ दिसंबर को सुबह आठ बजे पोस्टल बैलेट के साथ शुरू होगी। 8.30 बजे से ईवीएम से मतगणना शुरू हो जाएगी। हर राउंड के बाद जानकारी दी जाएगी कि किस प्रत्याशी को कितने मत मिले।
By Jagran NewsEdited By: Virender KumarUpdated: Wed, 23 Nov 2022 12:54 PM (IST)
Chief Electoral Officer Interview, हिमाचल प्रदेश में 14वीं विधानसभा के गठन के लिए मतगणना आठ दिसंबर को सुबह आठ बजे पोस्टल बैलेट के साथ शुरू होगी। 8.30 बजे से ईवीएम से मतगणना शुरू हो जाएगी। हर राउंड के बाद जानकारी दी जाएगी कि किस प्रत्याशी को कितने मत मिले। प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीट के लिए एक साथ 68 स्थानों पर मतगणना होगी। रुझान सुबह 8.45 बजे से आने शुरू हो जाएंगे और 11 बजे तक तस्वीर साफ होने की संभावना है। पोस्टल बैलेट की संख्या के अधिक होने से इनकी गणना में समय लगेगा। यह बात प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने दैनिक जागरण के यादवेन्द्र शर्मा से कही। पेश हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश :
मतगणना की क्या तैयारी है, परिणाम कब तक आ जाएंगे?
-मतगणना के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध करने के साथ कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना आठ दिसंबर को सुबह आठ बजे पोस्टल बैलेट के साथ होगी। कम से कम आठ और अधिकतम 14 मतगणना टेबल लगाए जाएंगे। टेबल हाल की क्षमता के आधार पर लगाए जाते हैं। कम से कम 10 और अधिकतम 18 राउंड तक की मतगणना होगी। परिणाम आने में समय लगेगा क्योंकि पोस्टल बैलेट की संख्या 1.40 लाख से अधिक हो सकती है। एक टेबल पर माइक्रो आब्जर्वर, एक मतगणना पर्यवेक्षक और एक मतगणना सहायक होगा।
मतगणना की जानकारी लोगों को देने के क्या प्रबंध हैं?
-हर मतगणना केंद्र के बाहर सूचना केंद्र बनाया है। आनलाइन भी लोगों को मतगणना की जानकारी मिल सकेगी। परिणाम ISULT.ECI.GOV.IN और वोटर हेल्पलाइन एप के माध्यम से मोबाइल फोन पर देख सकेंगे। राज्यस्तरीय नियंत्रण कक्ष निर्वाचन विभाग के मुख्यालय एसडीए कांप्लेक्स कसुम्पटी शिमला में स्थापित है। वहां पर भी जानकारी मिल सकेगी।-बढ़ता मतदान प्रतिशत उत्साहवर्धक है, इसका क्या कारण है?
-इसका श्रेय लोगों को है, जो मतदान के लिए घरों से बाहर निकले। आठ दिसंबर को मतगणना शुरू होने से पूर्व जो पोस्टल बैलेट पहुंचेंगे, उन्हें मतगणना में शामिल किया जाएगा। उत्सव कार्यक्रम के तहत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता करवाई, जिसमें एक लाख युवा जुड़े। युवाओं के क्लब बनाए गए, दो अक्टूबर को विशेष ग्रामसभा, सभी विभागों, निगमों व बोर्ड के कर्मचारियों को मतदान की शपथ दिलाई। जागरूकता रैली, हस्ताक्षर अभियान, वोटर साथी एप व 11 विधानसभा क्षेत्रों जहां पर मतदान कम रहा था वहां विशेष अभियान से मत प्रतिशत बढ़ा।
शहरी क्षेत्रों, विशेष तौर पर शिमला में कम मतदान क्या दर्शाता है?
-शिमला के अतिरिक्त सोलन, कसुम्पटी व धर्मशाला में भी कम मतदान हुआ। शहरी क्षेत्रों में लोग कम मतदान को निकले। कर्मचारियों की कालोनियां में मतदान कम दर्ज किया गया। कम मतदान का आकलन किया जाएगा। ऐसा भी हो सकता है कि इन कर्मचारियों का वोट गांव में भी हो। वैसे दोहरे वोट वाले 17 हजार मतदाता सूची से हटाए गए हैं।इस बार असंसदीय भाषा का प्रयोग कम हुआ। समझ बढ़ी है या यह कानून का डर है?
-राजनेताओं के सोच में भी बदलाव आया है। हालांकि वीडियोग्राफी और आयोग की कार्रवाई का डर भी होगा। चुनाव की घोषणा से पहले अवश्य असंसदीय शब्दों का उपयोग हुआ, लेकिन बाद में ऐसे मामले नहीं आए।
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