बिजली कट से उद्योगों पर संकट : आप
हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली कट लगने पर आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने कहा कि बिजली उत्पादन करने वाले राज्य में भाजपा सरकार के राज में कारखानों में संकट पैदा हो गया है।
By Neeraj Kumar AzadEdited By: Updated: Wed, 27 Apr 2022 08:53 PM (IST)
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली कट लगने पर आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने कहा कि बिजली उत्पादन करने वाले राज्य में भाजपा सरकार के राज में कारखानों में संकट पैदा हो गया है। कारोबारियों और उद्योगपतियों को अपनी उद्योगों पर ताला लगाने की नौबत आ गई है। गौरव के अनुसार हालत यह कि रोजाना छह घंटों का बिजली का कट लग रहा है, जिससे कारोबार पर संकट पैदा हो गया है। बिजली कट से उद्योगों में उत्पादन पर असर पड़ रहा है। इससे 30 प्रतिशत तक की उत्पादन में कमी आई है। शिमला में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस बार सर्दी में हिमाचल में अच्छा हिमपात हुआ है। फिर भी प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली के कट लग रहे हैं। इसका असर कारोबार पर पड़ रहा है। इससे सीमेंट, स्टील और टेक्सटाइल के उद्योगों पर पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री को आकंड़ों की कोई समझ नहीं है। उन्हें जनता को ऊर्जा मंत्री को बताना चाहिए कि हिमाचल प्रदेश में कितनी बिजली का उत्पादन हो रहा है, किसको कितनी बिजली बेची जा रही है, प्रदेश की जनता और उद्योगपतियों को इस संकट से कब निजात मिलेगी। उन्होंने बताया कि भारत की कुल बिजली का 25.9 फीसद उत्पादन हिमाचल पैदा करता है और मार्च, अप्रैल, मई में सरप्लस पैदावार बिजली की हिमाचल में होती है। बावजूद आज बिजली कट से सीधे तौर पर उद्योगपति,आम जनता को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही है। दावा जताया कि पंजाब जो हिमाचल से बिजली खरीदता है, वहां दिन रात यानी 24 घंटे लोगों को बिजली दी जा रही है।
जोगटा ने पेयजल संकट पर आप से घेरी सरकार
आप आदमी पार्टी ने पेयजल संकट पर सरकार की घेराबंदी की है। आप के राज्य प्रवक्ता एसएस जोगटा ने कहा कि हर घर नल देने का दावा करने वाली भाजपा सरकार के दावे पूरी तरह से खोखले हो गए हैं। स्थिति यह है कि हिमाचल की जनता पानी की एक-एक बूंद को तरस रही है। जोगटा ने कहा कि जनता को स्वच्छ और साफ पानी देने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है। सरकार ने 1500 करोड़ रुपये से जल जीवन मिशन के तहत कई योजनाएं बनाई है। अब ऐसी योजनाओं की जांच होनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में निश्शुल्क पानी उपलब्ध करवाने का दावा करने वाली सरकार आज मूलभूत सुविधाएं देने में नाकाम साबित हो रही है। आप नेता ने कहा कि राजधानी शिमला में जल निगम कंपनी का गठन किया गया है। निगम के गठन होने के बाद शहरवासियों को चार से पांच दिनों बाद पीने का पानी मिल रहा है। लोग पानी के भारी भरकम बिल से लोग परेशान हैं।
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