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विधायकों की झंडी पर विवाद: पक्ष व विपक्ष के विधायकों ने चार-पांच बैठकों के बाद लिया था फैसला, पढ़ें खबर

Dispute on MLA Flag हिमाचल प्रदेश में विधायकों के वाहन पर झंडी लगाने की मंजूरी विधानसभा के बजट सत्र में ही मिल गई थी। उस दौरान ही सभी औपचारिकताएं पूरी की गई। पांच बैठकों के बाद वाहनों पर झंडी लगाने का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा था।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Updated: Thu, 27 May 2021 07:59 AM (IST)
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हिमाचल प्रदेश में विधायकों के वाहन पर झंडी लगाने की मंजूरी विधानसभा के बजट सत्र में ही मिल गई थी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Dispute on MLA Flag, हिमाचल प्रदेश में विधायकों के वाहन पर झंडी लगाने की मंजूरी विधानसभा के बजट सत्र में ही मिल गई थी। उस दौरान ही सभी औपचारिकताएं पूरी की गई। पक्ष व विपक्ष के विधायकों ने चार से पांच बैठकों के बाद वाहनों पर झंडी लगाने का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा था। झंडी लगाने के प्रस्ताव पर कांग्रेस के एक नहीं कई वरिष्ठ विधायकों के हस्ताक्षर हैं। पड़ोसी राज्य हरियाणा में विधायकों के वाहनों पर झंडी का हवाला देकर हिमाचल के विधायकों के लिए पहचान साबित करने के लिए झंडी की मांग की गई थी।

सदस्य सुविधा समिति के समक्ष कांग्रेस विधायकों की ओर से लिखित तौर पर वाहनों पर झंडी लगाने का मामला रखा गया। अधिकांश विधायक चाहते थे कि बजट सत्र से पहले ही वाहनों पर झंडी का प्रविधान होता, लेकिन मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करना आवश्यक था। जिसके कारण बजट सत्र के अंत तक मामला पहुंचा।

सदस्‍य सुविधा समिति एवं कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा का कहना है चाहे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के विधायक। सब पहचान दिलाने के लिए वाहनों पर झंडी का प्रविधान करने के पक्षधर रहे हैं। बजट सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में बैठकें होती थी। दोनों तरफ के विधायक एकमत थे। अब जो लोग कह रहे हैं कि झंडी से कोई लेना-देना नहीं है, वो गलत कह रहे हैं। केवल बात इतनी है कि अभी समय उपयुक्त नहीं था।

भाजपा विधायक एवं सदस्य सुविधा समिति रमेश चंद ध्वाला का कहना है मुझे तो किसी प्रकार की जानकारी नहीं है। मेरे सामने कभी बैठक नहीं हुई, न ही कभी किसी ने बैठक के लिए बुलाया।

कांग्रेस विधायक एवं सदस्य सुविधा समिति हर्षवर्धन चौहान का कहना है हर विधायक चाहता था कि जनप्रतिनिधि होने के कारण पहचान मिले। सबने सदस्य सुविधा समिति के समक्ष झंडी देने का मामला उठाया था। जब सरकार के मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व जिला उपायुक्तों को पहचान दी गई है तो विधायकों को क्यों नहीं। झंडी लगानी है या नहीं, यह व्यक्तिगत मत हो सकता है। मैं मानता हूं कि अभी समय सही नहीं था।

क्‍या कहते हैं संसदीय कार्यमंत्री

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा बजट सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य वाहनों पर झंडी के विषय को तुरंत लागू करवाना चाहते थे। अब विरोध करने वाले राजनीतिक सुर्खियां बटोरने का प्रयास कर रहे हैं। विपक्ष के अधिकांश सदस्य इसे लेकर बैठक करवाते रहे, कुछ सदस्य हमारे भी होते थे।

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