Ashish Vidyarthi: मशहूर अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने रौड़ी गांव में बताई थियेटर की महत्ता
Ashish Vidyarthi किसी भी काम को करने के लिए आत्मविश्वास की जरूरत होती है और थियेटर हमारे अंदर आत्मविश्वास पैदा करता है। थियेटर किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। यह बात फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में कही।
By Jagran NewsEdited By: Virender KumarUpdated: Thu, 20 Oct 2022 10:20 PM (IST)
सोलन, मनमोहन वशिष्ठ। Ashish Vidyarthi, किसी भी काम को करने के लिए आत्मविश्वास की जरूरत होती है और थियेटर हमारे अंदर आत्मविश्वास पैदा करता है। थियेटर किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। यह बात फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में कही। धर्मपुर-सुबाथू रोड पर रौड़ी गांव में स्थित अपने मित्र सुनील सिन्हा व अमला राय के घर पर पहुंचे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, 'हमारे अंदर आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है, क्योंकि बिना आत्मविश्वास के हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं। फिल्मों में विलेन (खलनायक) के किरदार से लेकर मोटिवेशनल स्पीकर तक के सफर में आशीष विद्यार्थी ने करोड़ों प्रशसंकों को अपना दीवाना बनाया है।
अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी किया अभिनय
हिंदी फिल्मों के अलावा अन्य तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया, बंगाली, मराठी व अंग्रेजी भाषाओं की फिल्मों में अपने दमदार अभिनय की छाप छोड़ चुके हैं। थियेटर ही हमें सिखाता है कि जाति, धर्म या किसी भी तरह हम अलग नहीं है। अपना काम करने की यदि कला आ जाए, तो हमें किसी की निंदा का समय नहीं रहेगा। और जब ऐसा होगा तो हम आगे बढ़ेंगे।
रौड़ी गांव में दिल्ली व चंडीगढ़ जैसी थियेटर की सुविधा
आशीष विद्यार्थी ने बताया कि थियेटर एक ऐसी कला है, जो सीखी जा सकती है। नेशनल स्कूल आफ ड्रामा (एनएसडी) में थियेटर की पढ़ाई के दौरान मित्र रहे सुनील सिन्हा व अमला राय का सुबाथू-धर्मपुर रोड़ पर स्थित रौड़ी गांव में आशियाना है। वहां आना-जाना लगा रहता है। दिल्ली व चंडीगढ़ में थियेटर सीखने के लिए लोगों को जाना पड़ता है, लेकिन अमला राय अपने घर में स्थानीय बच्चों को थियेटर की बारीकियां सीखा रही हैं। यह हिमाचल के लिए बहुत बड़ी बात है कि एनएसडी से प्रशिक्षित अमला राय व सुनील सिन्हा स्थानीय बच्चों को अभिनय के गुर सीखा रहे हैं। थियेटर सीखकर बच्चों में जो आत्मविश्वास पैदा होगा कि गिरकर भी उठने में भी सक्षम होंगे। अमला प्रोगाम फार थियेटर के माध्यम से बच्चों के लिए वर्कशाप लगाकर अमला व सुनील बच्चों को निस्वार्थ भाव से प्रोत्साहित कर रहे हैं। यही कारण है कि मैं यहां आता हूं, क्योंकि मैं ऐसे लोगों से प्रेरित होता हूं, जो औरों को भी सक्षम बनाते हैं। आज बडे़ स्कूल, कालेज में थियेटर की कला सिखाने के लिए प्रशिक्षक रखे जाते हैं और यहां भी ऐसे ही लोगों को ट्रेन किया जा रहा है। उन्होंने लोगों का भी आह्वान किया कि वे यहां आकर थियेटर सीखें, क्योंकि थियेटर हमें जिंदगी से जोड़ती हैं।अभिनेता किरण कुमार के साथ प्रशसंक की बात
चाय की छोटी सी रेहड़ी पर साक्षात्कार के दौरान चाय पी रहे एक व्यक्ति ने आशीष से कहा कि वह बहुत साल पहले मुंबई आए थे और वहां गोरेगांव फिल्म सिटी में शूटिंग देखी थी। वहां पर अभिनेता किरण कुमार ने उनको बडे़ आदर भाव के साथ बिठाया था। इस पर आशीष विद्यार्थी ने उसी समय किरण कुमार को वीडियो काल करके चाय पी रहे उस शख्स की बात करवा दी। इस पर वह व्यक्ति भी बहुत उत्साहित नजर आए। अपनी पसंदीदा चाय की छोटी सी दुकान पर चाय पीने के दौरान वहां प्रशंसकों ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाए।
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