Nature Park On garbageः शिमला में वन अधिकारियों ने कूड़े के ढेर पर बना नेचर पार्क
हिमाचल प्रदेश में वन अधिकारियों का बड़ा कारनामा सामने आया है। आरोप है कि शिमला के बाइपास मार्ग पर कनलोग में कूड़े के ढेर पर ही नेचर पार्क बना डाला। इसमें क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैंपा) फंड के 5.8 करोड़ खर्च किए गए।
By Manoj KumarEdited By: Updated: Fri, 15 Jul 2022 11:40 PM (IST)
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में वन अधिकारियों का बड़ा कारनामा सामने आया है। आरोप है कि शिमला के बाइपास मार्ग पर कनलोग में कूड़े के ढेर पर ही नेचर पार्क बना डाला। इसमें क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैंपा) फंड के 5.8 करोड़ खर्च किए गए। स्टीयरिंग कमेटी से स्वीकृति नहीं ली गई, जबकि बिना कमेटी के स्वीकृति के यह पैसा खर्च नहीं हो सकता था। इनमें केंद्र व राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों की भी कथित तौर पर उल्लंघना हुई है। अब विजिलेंस जांच में कारनामे की पोल खुल रही है।
इस संबंध में स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने 2017 से 2019 के बीच शिमला में तैनात रहे तत्कालीन वन अधिकारियों, कर्मियों से कड़ी पूछताछ की है। कुल आठ अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की गई है। एसपी विजिलेंस साउथ रेंज अंजुम आरा ने पूछताछ की पुष्टि की है।मुख्यमंत्री से की थी शिकायत
इस गड़बड़झाले की शिकायत मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष को 15 जून, 2019 में की गई थी। आरोप था कि स्टीयरिंग कमेटी ही पांच करोड़ से अधिक के धन खर्च करने की स्वीकृति दे सकती थी। इस कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव होते हैं। लेकिन यह स्वीकृति अफसरों की एक कमेटी ने ही दे दी। उन्होंने इसकी विजिलेंस से जांच करवाने की मांग की। सरकार ने इसकी विजिलेंस जांच का आदेश दिया था।
3840 पौधे दिखाए गए
पार्क में 3840 औषधीय पौधे रोपे गए। इनमें 17 लाख 68 हजार 455 रुपये खर्च किए गए। आरोप है कि इनमें भी गड़बड़झाला हुआ।विधानसभा में उठा था मामलामामला 19 फरवरी, 2019 में विधानसभा में भी उठा था। प्रश्न के जवाब में जानकारी दी गई थी कि तब दो वर्ष में कई अधिकारियों ने इस पार्क के कार्यों का निरीक्षण किया था। कहा गया कि इनमें कोई कोताही नहीं बरती गई, लेकिन विजिलेंस की प्रारंभिक जांच में अनियमितताएं बरतने के सुबूत मिले। इसके बाद ही केस दर्ज किया गया।
कनलोग में नेचर पार्क के निर्माण में अनियमितताएं बरती गई हैं। इसकी गहनता से जांच चल रही है। हाल ही में केस दर्ज हुआ है। अब तत्कालीन अधिकारियों व कर्मियों से पूछताछ की गई है। अगर संलिप्तता पाई गई तो कड़ी कार्रवाई होगी।-अंजुम आरा, एसपी, विजिलेंस, शिमला
कैंपा फंड पार्क के निर्माण में खर्च नहीं हो सकता था। अधिकारियों की कमेटी सेंक्शन नहीं दे सकती थी। मौके पर कूड़े का ढेर था। न तो पार्क बना न ही पौधे रोपे गए। सब गोलमाल हुआ है। मैंने शिकायत की थी। सरकार ने जांच के आदेश दिए। अब विजिलेंस जांच चल रही है।
-बृज लाल, शिकायतकर्ता।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।