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हिमाचली बोलियों को गूगल की-बोर्ड में शामिल करना अच्छा कदम

कांगड़ा-चंबा से लोकसभा सदस्य किशन कपूर ने हिमाचल की तीन बोलियों को गूगल की-बोर्ड व गूगल इंडीक में शामिल करने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। इस प्रतिष्ठित सर्च इंजन का प्रदेश वासियों की ओर से आभार व्यक्त किया है ।

By Vijay BhushanEdited By: Updated: Sun, 06 Dec 2020 04:07 PM (IST)
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कांगड़ा संसदीय हलके के लोकसभा सदस्य किशन कपूर। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : कांगड़ा-चंबा से लोकसभा सदस्य किशन कपूर ने  हिमाचल की तीन बोलियों को गूगल की-बोर्ड व गूगल इंडीक में शामिल करने पर प्रसन्नता व्यक्त की है।  इस प्रतिष्ठित सर्च इंजन का प्रदेश वासियों की ओर से आभार व्यक्त किया है । उन्होंने कहा है प्रदेश के अधिकतम  जनसंख्या वाले जिला कांगड़ा, मंडी और महासुवी (शिमला जनपद) की बोलियों को  गूगल की-बोर्ड में शामिल करने से प्रदेश की इन बोलियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान प्राप्त हुई है ।

सांसद किशन कपूर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में  मातृ भाषा में शिक्षा प्रदान करने की दिशा में यह प्रयास अवश्यमेव सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा है हिमाचल प्रदेश की आधे से अधिक की जनसंख्या मोबाइल का इस्तेमाल करती है और जिन जिलों की बोलियों को गूगल ने शामिल किया है। वे जनसंख्या के आधे से अधिक हिस्से में बोली जाती हैं । उन्होंने कहा है हिमाचली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के प्रयास को गूगल के इस निर्णय से लाभ पहुंचेगा।

उल्लेखनीय है कि गूगल की बोर्ड और गूगल इंडीक में हिमाचल प्रदेश की तीन बोलियों के साथ-साथ देशभर की कई बोलियों को शामिल किया गया है। हिमाचल प्रदेश में इंटरनेट का प्रयोग करने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। ऐसे में नेट यूजर्स के लिए अपनी बोली में संवाद करने में मदद मिलेगी। पहले हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए सिर्फ अंग्रेजी व हिंदी में ही सर्च करने की सुविधा उपलब्ध थी। कांगड़ा जिले के युवा भी गूगल की इस पहल से उत्साहित हैैं।

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