'हिमाचल में शूटिंग से रोजगार को मिलेगा बढ़ावा', हिम फिल्मोत्सव में द केरल स्टोरी के निर्देशक ने दिया सुझाव
भारतीय सिनेमा को बॉलीवुड और टॉलीवुड के नाम पर नहीं बांटा जाना चाहिए। फिल्म निर्देशक सुदीप्तो सेन ने धर्मशाला में आयोजित हिम फिल्मोत्सव में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने सुझाव दिया कि कोलकाता बंगाल केरल और तमिलनाडु की तर्ज पर हिमाचल में भी अपेक्स कमेटी का गठन किया जाना चाहिए। इससे हिमाचल के लोगों को बॉलीवुड और टॉलीवुड में करियर बनाने के अवसर मिलेंगे।
संवाद सहयोगी, धर्मशाला। भारतीय सिनेमा को बॉलीवुड और टॉलीवुड के नाम पर नहीं बांटा जाना चाहिए। फ्रांस और जर्मन की तर्ज पर एक देश, एक सिनेमा यानी फिल्म जगत को भारतीय सिनेमा के नाम से ही पुकारा और पहचान मिलनी चाहिए।
बॉलीवुड और टॉलीवुड के नाम पर केवल देश के सिनेमा जगत को बांटा जाना सही नहीं है। द केरल स्टोरी व बस्तर जैसी फिल्मों के निर्देशक सुदीप्तो सेन धर्मशाला कालेज के सभागार में शुरू हुए दो दिवसीय फिल्मोस्व के दौरान विशेष अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने सुझाव दिया कि कोलकत्ता, बंगाल, केरल और तमिलनाडु की तर्ज पर हिमाचल में भी अपेक्स कमेटी यानी किसी संस्था का गठन किया जाना चाहिए और फिल्म निर्माताओं को तभी शूटिंग के लिए स्वीकृति दी जानी चाहिए। वह यहां के लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कंरे।
जिस प्रकार उपरोक्त स्थानों में हर विभाग से एक असिस्टेंट को शामिल करना जरूरी माना जाता है। इससे हिमाचल के लोगों को भी बॉलीवुड व टॉलीवुड में करियर बनाने के भी अवसर मिलेंगे। अभी मौजूदा समय में बहुत कम अवसर हिमाचल के लोगों को मिलते हैं। उन्होंने इसके बाद एक घंटें की मास्टर क्लास भी ली और फिल्म निर्माण से जुड़ी बारीकियों को भी सांझा किया।
उन्होंने साफ किया कि स्वतंत्र भारत के 75 साल के इतिहास में पिछले 50-60 सालों में हम आजाद तो थे, लेकिन लगता था कि हम गुलाम हैं, अब पिछले 10-12 सालों में लग रहा कि यह देश हमारा भी है। पहले पेड़ के नीचे अभिनेता और अभिनेत्रियों को घूमते और गानों को ही फिल्म की परिभाषा माना जाता था जबकि मनोरंजन का मतलब अश्लीलता ही रह गया था, लेकिन केरला स्टोरी जैसी फिल्म में गाना और अश्लीलता न होने के बाद भी फिल्म को लोगों ने काफी पसंद किया है और देश के एक चौथाई लोगों ने इसे देखा है।
मास्टर क्लास में विद्यार्थियों और सेन में नोकझोंक
केरल स्टोरी फिल्म को लेकर निर्देशक और विद्यार्थियों के बीच हल्की नोक-झोंक भी हुई, लेकिन आयोजकों की ओर से इन छात्रों को शांत कर आयोजन स्थान से भेज दिया गया। इस मामले पर विद्यार्थियों ने मीडिया में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि आयोजन समिति के अध्यक्ष डा. रजनीश ने बताया कि नोकझोंक से संबंधित कुछ नहीं रहा है। सुदीप्तो की सुरक्षा को लेकर उन्हें घेरे कुछ लोगों को अलग-थलग किया गया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।