HP Board Result: ड्रापिंग सेंटर से मंगवाए दसवीं और जमा दो कक्षा के पेपर, स्कूलों में होगा मूल्यांकन
Himachal Education Board Result कोरोना महामारी के खतरे के बीच प्रदेश सरकार ने दसवीं और जमा दो बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया है। विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने फार्मूला भी तैयार कर दिया है।
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Education Board Result, कोरोना महामारी के खतरे के बीच प्रदेश सरकार ने दसवीं और जमा दो बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया है। विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने फार्मूला भी तैयार कर दिया है। उच्चतर शिक्षा विभाग ने सरकार के इस फैसले के बाद मंगलवार को दसवीं के हिंदी और जमा दो के अंग्रेजी विषय के पेपर को ड्रापिंग सेंटर से वापस मंगवा लिया है। इन पेपर की चेकिंग अब स्कूल स्तर पर ही की जाएगी। परीक्षा केंद्रों से परीक्षा समाप्त होने के बाद पेपर को बोर्ड की ओर से बनाए गए ड्रापिंग सेंटर भेज दिया गया था।
उच्चतर शिक्षा के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि स्कूल स्तर पर एक कमेटी गठित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इस कमेटी में चार से पांच वरिष्ठ शिक्षक होंगे। प्रधानाचार्य और मुख्य अध्यापक इस कमेटी को हेड करेंगे। कमेटी बोर्ड कक्षाओं का परिणाम तय फार्मूले के अनुसार तैयार कर बोर्ड को भेजेगी। यदि स्कूल में संबंधित विषय का अध्यापक न हो तो साथ के नजदीक स्कूल के शिक्षक से इसका मूल्यांकन करवाया जा सकता है।
नर्सिंग प्रशिक्षुओं का रिजल्ट दोबारा जारी करे सरकार
शिमला। एसएफआइ की राज्य कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल उच्च शिक्षा निदेशालय में विद्यार्थियों की समस्याओं को लेकर संयुक्त शिक्षा निदेशक से मिला। इस दौरान कमेटी ने मांगपत्र सौंपा। कमेटी ने नर्सिंग प्रशिक्षुओं का रिजल्ट दोबारा जारी करने की मांग की। राज्य सचिव अमित ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की परीक्षा शाखा की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए बताया कि चार मई, 2021 को विश्वविद्यालय ने अंतिम वर्ष की नर्सिंग प्रशिक्षुओं का परिणाम घोषित किया। परिणाम बहुत चौंकाने वाला है, अधिकांश प्रशिक्षु विभिन्न विषयों में फेल हैं। इनमें वे प्रशिक्षु भी हैं, जो नर्सिंग के पिछले सेमेस्टर तक टापर भी रह चुकी हैं। पिछले एक वर्ष में लाकडाउन के कारण बहुत कम कक्षाएं हुई हैं, दूसरी ओर अस्पताल के अंदर कोई प्रेक्टिकल प्रशिक्षण भी नहीं हुआ है। ऐसे में छात्राओं को ग्रेस माक्र्स देने की बजाय प्रशासन ने अधिकतर छात्राओं को फेल कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि आनलाइन या आफलाइन रिअपीयर की परीक्षाएं आयोजित करें।