Himachal Election 2022: हिमाचल में कर्मचारियों व लाभार्थियों का रहा चुनाव, BJP या कांग्रेस कौन संभालेगा सत्ता
Himachal Election 2022 हिमाचल प्रदेश में विधानसभा 2022 का चुनाव संपन्न हो गया। मतदान में दिखी उत्सुकता को दोनों ही राजनीतिक दल अपने पक्ष में मान रहे हैं। लेकिन हिमाचल प्रदेश की सत्ता कौन संभालेगा इसका फैसला आठ दिसंबर को ही होगा।
By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Updated: Sat, 12 Nov 2022 07:04 PM (IST)
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Election 2022, हिमाचल प्रदेश में शनिवार को हुए मतदान में दिखी लोगों की उत्सुकता को दोनों ही राजनीतिक दल अपने पक्ष में मान रहे हैं। मतदान करके बाहर आए 150 से ज्यादा लोगों से बात कर साफ हो गया कि राज्य में ये चुनाव कर्मचारी व लाभार्थी ने लड़ा है। कर्मचारी ओपीएस के मसले पर एकजुट रहे, लेकिन भाजपा यदि लाभार्थी को बूथ तक पुहंचाने में सफल रही होगी तो उन्हें लाभ मिल सकता है। राज्य भर के 30 से ज्यादा पोलिंग बूथों पर 150 लोगों ने वोट डालने के बाद साफ कहा कि चुनाव में मुद्दा ओपीएस व विकास ही था। राज्य में भाजपा ने पूरा चुनाव प्रधानमंत्री मोदी केंद्र सरकार की जन सुधार नीतियों से लेकर विकास के मुद्दे पर लड़ा। वहीं कांग्रेस ने इस चुनाव में हिमाचल के कर्मचारियों पर केंद्रित करते हुए ओपीएस को बड़ा मुद्दा बनाया है। कांग्रेस का पूरा प्रचार इसके इर्द-गिर्द घूमता रहा।
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इतने हैं हिमाचल में कर्मचारी
हिमाचल में कर्मचारियों और पेंशनरों की संख्या मिला दें तो चार लाख के करीब आंकड़ा बनता है। इसमें से एक लाख 16 हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जो न्यू पेंशन स्कीम के तहत आते हैं, यानी इनकी नियुक्ति 2003 के बाद हुई है। इन्हें पेंशन की सुविधा नहीं है। नियमित कर्मचारी हिमाचल में एनपीएस को मिलाकर दो लाख के करीब हैं। राज्य में 125000 के करीब पेंशनर हैं। आउटसोर्स सोसायटी या अन्य निगम बोर्डों में विभिन्न तरह के कर्मचारियों की संख्या 75000 से एक लाख के लगभग है। इसलिए कांग्रेस ने बड़े वर्ग को टारगेट करते हुए पूरे चुनाव में ओपीएस के मुद्दे को गरमाएं रखा।
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लाभार्थियों की संख्या ज्यादा, लेकिन एकजुटता पर संशय
वहीं भाजपा को हिम केयर, उज्जवला योजना, अन्नदाता योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों से काफी उम्मीद है। पार्टी ने चुनाव में पूरा सकारात्मक प्रचार करते हुए हिमाचल में अन्नदाता योजना के तहत 900000 से ज्यादा किसानों को हर साल 6000 की राशि उनके खाते में आई है। हिम केयर योजना के तहत 400000 लोगों ने 500000 स्वास्थ्य तक के स्वास्थ्य बीमा के कार्ड बना रखें है। उज्जवला योजना के तहत एक लाख से ज्यादा लाभार्थी हैं। जिन गरीबों के घरों में राज्य सरकार ने रसोई गैस पहुंचाई है। इनके अलावा हिमाचल सरकार ने 125 यूनिट तक बिजली दी है। इसका लाभ हिमाचल के 14 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को पहुंचा है। इनका मासिक बिजली बिल पिछले 5 दिनों से लगातार शून्य आ रहा है। इसलिए भाजपा को अपने लाभार्थियों से एक उम्मीद है और पार्टी ने घर से बूथ तक पहुंचाने का प्रयास भी किया है। पार्टी कितना इसमें सफल हुई है। यह तो आने वाला 8 दिसंबर ही तय करेगा। लेकिन हिमाचल में यह पूरा चुनाव कांग्रेस ने कर्मचारियों के इर्द-गिर्द और भाजपा ने लाभार्थियों के आसपास विकास के मुद्दे पर लड़ा है। यह भी पढ़ें: Drang Election 2022 Voting LIVE: द्रंग में पांच बजे तक 66 प्रतिशत मतदान, 11वीं बार चुनावी रण में हैं कौल सिंहराज्य में पिछले पांच चुनाव में कब कितना मतदान
- चुनावी साल, वोट प्रतिशतता
- 1998, 71.23
- 2003, 74.5
- 2007, 71.61
- 2012, 73.5
- 2017, 75.57