Himachal Election 2022: कांग्रेस को विधायकों की खरीद-फरोख्द का डर, राजीव शुक्ल ने भाजपा से निपटने के दिए टिप्स
Himachal Pradesh Assembly Election 2022 हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आठ दिसंबर को मतगणना होगी। कांग्रेस आश्वस्त है कि दो तिहाई बहुमत से सरकार बनेगी लेकिन उसे खरीद फरोख्त की भी आशंका है। निर्णय लिया गया कि मतगणना केंद्र के अंदर दो पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
By Jagran NewsEdited By: Virender KumarUpdated: Wed, 23 Nov 2022 08:53 AM (IST)
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Assembly Election 2022, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आठ दिसंबर को मतगणना होगी। कांग्रेस आश्वस्त है कि दो तिहाई बहुमत से सरकार बनेगी लेकिन उसे खरीद फरोख्त की भी आशंका है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ल ने मंगलवार को सभी प्रत्याशियों के साथ वर्चुअली बैठक में कहा कि कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलता है तो भाजपा के धनबल से हर हाल में निपटने के लिए तैयार रहें।
बैठक में निर्णय लिया गया कि मतगणना केंद्र के अंदर दो पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। मतगणना के दौरान हर समय एक पदाधिकारी अंदर तैनात रहेगा और बाहर 10 कार्यकर्ता तैनात रहेंगे। मतगणना एजेंट को लगता है कि किसी तरह की गड़बड़ी हो रही है तो वह तुरंत कांग्रेस लीगल टीम को इसकी सूचना देगा। लीगल टीम इस पर कानूनी कार्रवाई करेगी। शुक्ल ने कहा कि सभी नेता व कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम व ईवीएम पर कड़ी निगरानी रखें ताकि कोई सेंधमारी का प्रयास न करे। उन्होंने सभी प्रत्याशियों से एक-एक कर चुनाव से संबंधित फीडबैक लिया और मतदान के बाद लोगों के रुझान की जानकारी ली। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली व अन्य प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों से वर्चुअली बैठक में जुड़े। शुक्ल ने दावा किया कि कांग्रेस 50 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाएगी।
कांग्रेस के प्रभाव वाली सीटें जीतने के लिए भाजपा आश्वस्त
भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस के प्रभाव वाली सीटों पर भी जीत के लिए आश्वस्त दिख रहे हैं। शिमला ग्रामीण, रामपुर बुशहर व कसुम्पटी में लंबे समय से कांग्रेस के विधायक हैं। भाजपा प्रत्याशी कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक पर इन सीटों पर भी जीत का दावा कर रहे हैं। चुनाव परिणाम आठ दिसंबर को आएगा लेकिन इससे पहले ही सरकार बनाने के दावे किए जा रहे हैं। अन्य सीटों से भी फीडबैक लिया जा रहा है। इस बार दोनों बड़े दलों को उम्मीद है कि उनकी सरकार बनेगी। भाजपा नेता कार्यकर्ताओं के साथ बैठक फीडबैक ले रहे हैं और उसके बाद दावे किए जा रहे हैं कि पार्टी फिर सत्ता में लौटेगी।शिमला से दिल्ली तक गरमाई कांग्रेस की राजनीति
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के दिल्ली दौरों को मुख्यमंत्री की कुर्सी से जोड़कर देखा जा रहा है। उनका कहना है कि दिल्ली में शिष्टाचार भेंट के लिए गए हैं। चुनाव परिणाम से पहले कांग्रेस का हर धड़ा मुख्यमंत्री पद के लिए जोड़तोड़ करने में जुट गया है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में सर्वमान्य नेता के लिए जद्दोजहद चल रही है। हर बार वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री का चेहरा बने हैं। इस बार पार्टी ने उनकी गैर मौजूदगी में चुनाव लड़ा है। मुख्यमंत्री की दौड़ में सुखविंदर सिंह सुक्खू, कौल सिंह ठाकुर, आशा कुमारी, रामलाल ठाकुर, कर्नल धनीराम शांडिल, हर्षवर्धन चौहान का नाम चर्चा में है। सुक्खू ने दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने भी खरगे से मुलाकात की है। रामलाल ठाकुर ने राजीव शुक्ल व पवन बंसल से मुलाकात की। इससे पहले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर, कर्नल धनीराम शांडिल, मुकेश अग्निहोत्री सहित कई नेता दिल्ली में हाईकमान से मिल चुके हैं।
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