Move to Jagran APP

Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश में OPS सहित इन मुद्दों पर लड़ा जा रहा चुनाव

Himachal Pradesh Assembly Election 2022 हिमाचल विधानसभा चुनाव का प्रचार चरम की ओर बढ़ रहा है। भाजपा व कांग्रेस में बराबर की टक्कर है। OPS का मुद्दा मुख्य है। हिमाचल सरकार के कर्मचारी OPS लागू न करने पर नाराज हैं। किसान-बागवान भी खुश नहीं हैं।

By Jagran NewsEdited By: Virender KumarUpdated: Fri, 04 Nov 2022 11:05 PM (IST)
Hero Image
Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश में OPS सहित इन मुद्दों पर लड़ा जा रहा चुनाव।
मंडी, हंसराज सैनी। Himachal Pradesh Assembly Election 2022, हिमाचल विधानसभा चुनाव का प्रचार चरम की ओर बढ़ रहा है। चुनाव प्रचार में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), बेरोजगारी व महंगाई प्रमुख मुद्दा बनकर सामने आया है। कांग्रेस पार्टी के प्रचारक जनता के बीच इन सभी मुद्दों को भुनाकर सत्ता वापसी की राह निकलने की उम्मीद में हैं। कांग्रेस ने सत्ता में आने पर 10 दिन के अंदर OPS बहाली की घोषणा की है। प्रदेश में करीब 3.20 लाख सरकारी कर्मचारी हैं। इनमें करीब एक लाख न्यू पेंशन स्कीम (NPS) वाले कर्मचारी हैं। OPS के मुद्दे पर सरकारी कर्मचारी भाजपा के हाथ से फिसलते दिख रहे हैं। भाजपा नेता कांग्रेस पर OPS को लेकर कर्मचारियों को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ व राजस्थान में OPS देने की घोषणा की है, लेकिन धरातल पर घोषणा के अलावा अभी कुछ हुआ नहीं है। भाजपा मोदी है तो OPS मुमकिन है की बात कर कर्मचारियों को अपने पाले में करने का प्रयास करती दिख रही है।

आउटसोर्स कर्मचारी व बागवान भी नाखुश, कांग्रेस भुना रही

प्रदेश में कार्यरत विभिन्न आउटसोर्स कर्मचारी व बागवान भी सरकार से नाखुश हैं। प्रदेश में करीब 40,000 आउटसोर्स कर्मचारी हैं। सरकार ने नीति बनाने की बात कही थी। इस पर कोई काम नहीं हुआ। हालांकि चुनाव से ठीक पहले इस वर्ग के कर्मचारियों को काैशल विकास निगम के तहत आने की घोषणा जरूर हुई है। कार्टन पर 18 प्रतिशत GST लगाने से बागवान भी नाराज हैं। शिमला, किन्नौर, कुल्लू, लाहुल स्पीति व मंडी जिले की 17 सीटों पर बागवानों का दबदबा है।

8.77 लाख बेरोजगार ढूंढ रहे रोजगार

प्रदेश के विभिन्न राेजगार कार्यालयों में करीब 8.77 लाख बेरोजगार पंजीकृत हैं। रोजगार की तलाश में बेरोजगार सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते हैं। जयराम सरकार पांच साल में करीब 60,000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवा पाई है।

भाजपा को लाभार्थियों से रिवाज बदलने की उम्मीद

प्रदेश में मोदी व जयराम सरकार की विभिन्न कल्याकारी योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या करीब 30 लाख है। भाजपा इन्हीं लाभार्थियों के सहारे अपनी नैया पार लगने की उम्मीद लगाए बैठी है। प्रदेश के नौ लाख किसानों को किसान सम्मान निधि का साल में 6000 रुपये मिल रहा है। आयुष्मान व हिमकेयर योजना के चार लाख लाभार्थी हैं।

3.23 लाख मुख्यमंत्री गृहिणी व 1.37 उज्ज्वला योजना के लाभार्थी

प्रदेश की गृहिणियों को मुख्यमंत्री गृहिणी योजना के तहत जयराम सरकार ने 3.23 लाख व उज्ज्वला योजना में 1.37 लाख गैस सिलेंडर चूल्हे सहित उपलब्ध करवाकर उन्हें धुएं से निजात दिलाई है।

AAP उठा रही शिक्षा व स्वास्थ्य का मुद्दा

आम आदमी पार्टी (AAP) चुनाव में शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा का मुद्दा उठा रही है। लोगों को दिल्ली की तर्ज पर सुविधा उपलब्ध करवाने का वादा कर रही है। हालांकि प्रदेश में शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व तरक्की हुई है। शिक्षा के क्षेत्र में IIT, IIM, IIIT, Hydro Engineering College, तकनीकी, मेडिकल, कृषि व बागवानी सहित सरकारी क्षेत्र में शिमला व मंडी दो विश्वविद्यालय हैं। करीब 77 लाख आबादी वाले इस पहाड़ी प्रदेश में AIIMS सहित छह मेडिकल कालेज हैं। हर एक से दो किलोमीटर की दूरी पर शिक्षण संस्थान हैं।

यह भी पढ़ें : Himachal Election 2022: मुख्यमंत्री बोले- नादौन का विकास करवाने में सुक्खू नाकाम, जुगाड़ से बनना चाहते हैं CM

यह भी पढ़ें : Himachal Election 2022: योगी बोले- आतंकवाद, अलगाववाद व माफिया के साथ साये की तरह रहा है कांग्रेस का हाथ

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।