Himachal Election 2022: जयराम के गृह जिला में 2017 का प्रदर्शन दोहराने की तैयारी में BJP के सामने 6 चुनौतियां
Himachal Pradesh Assembly Election 2022 हिमाचल प्रदेश में चुनावी हलचल तेज हो गई है। अधिकतर निगाहें जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी पर हैं। यहां दस सीटें हैं 2017 में भाजपा ने नौ पर जीत पाई थी व एक आजाद प्रत्याशी जीता था वह भी सरकार के पक्ष में है।
By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar SharmaUpdated: Thu, 27 Oct 2022 01:11 PM (IST)
मंडी, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Assembly Election 2022, भाजपा मंडी जिला में 2017 की तरह क्लीन स्वीप करने की तैयारी में है। इसके लिए खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मोर्चा संभाल लिया है। संगठन की तरफ से असंतुष्ट नेताओं को मनाने का दायित्व प्रदेश भाजपा के सहप्रभारी संजय टंडन को सौंपा गया है। संजय टंडन बीते पांच दिनों से यहां डटे हुए हैं। वह असंतुष्ट नेताओं से मोबाइल पर संपर्क साधने के साथ उनके घर में दस्तक दे रहे हैं। प्रदेश में पांच पांच साल बाद सत्ता परिवर्तन का रिवाज बदलने के लिए भाजपा ने जिले की दस की दस सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है।
2017 के चुनाव में क्लीन स्वीप करते हुए भाजपा की आंधी में कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज ढह गए थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर, प्रकाश चौधरी व सोहन लाल ठाकुर को हार का मुंह देखना पड़ा था। लेकिन इस बार छह चुनौतियां भी हैं, जिनसे पार पाना पार्टी के लिए आसान नहीं रहने वाला है।
मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में 8 हलकों में बरकरार रखी थी बढ़त
करीब साल भर पहले हुए मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में भाजपा ने आठ हलकों में अपनी बढ़त बरकरार रखी थी। कांग्रेस को मात्र नाचन हलके में 2571 मतोें की बढ़त मिली थी। धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र इस संसदीय क्षेत्र का हिस्सा नहीं है।मंडी के स्वाभिमान व सम्मान की बात
मंडी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला है। किसी जिले से मुख्यमंत्री होना स्वाभिमान व सम्मान की बात होती है। भाजपा नेतृत्व यही बात यहां के मतदाताओं को समझाने का प्रयास चुनाव प्रचार के दौरान कर रहा है। मुख्यमंत्री के साथ मजबूती से खड़ा होने के लिए जिले की जनता से दस की दस सीटें मांगी जा रही हैं। प्रदेश के गठन के बाद पहली बार मंडी जिला से मुख्यमंत्री बना है। इससे पहले ठाकुर कर्म सिंह, पंडित सुखराम जिले के नेताओं की आपसी लड़ाई के चलते मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने से चूक गए थे।चार गुणा मुआवजा बढ़ा मुद्दा
विधानसभा चुनाव में फोरलेन प्रभावितों का चार गुणा मुआवजा बड़ा मुद्दा है। पिछले चुनाव में भाजपा ने प्रभाविताें को चार गुणा मुआवजा देने की बात कही थी, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ। अब चुनाव में यह मुद्दा उछल सकता है।
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