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Himachal Election: हिमाचल में हिमपात से निपटने के लिए चुनाव आयोग की क्‍या है तैयारी, बर्फ में कैसे होगा मतदान

Himachal Pradesh Election 2022 हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में हिमपात ने निर्वाचन आयोग की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि निर्वाचन आयोग भी हरकत में आ गया है। लेकिन भारी हिमपात होने की सूरत में परेशानी बढ़ सकती है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Updated: Mon, 07 Nov 2022 12:39 PM (IST)
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हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में चुनाव से पहले बर्फबारी हो रही है।
मनाली, जागरण टीम। Himachal Pradesh Election 2022, हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में हिमपात होने से निर्वाचन आयोग हरकत में आ गया है। किन्‍नौर व लाहुल स्पीति जिला सहित चंबा का पांगी-भरमौर विधानसभा क्षेत्र हिमपात से सबसे ज्‍यादा प्रभावित है। यह तीन विधानसभा हलके जनजातीय क्षेत्र के तहत आते हैं। 1998 में चुनाव के दौरान भारी हिमपात होने के कारण यहां चुनाव स्‍थगित करने पड़े थे व बाद में मई में मतदान करवाया गया था।

हेलीकाप्‍टर की सेवा ली जाएगी

इन विधानसभा क्षेत्र में अगर आने वाले दिनों में हिमपात अधिक हुआ तो चुनाव सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकाप्टर की सेवा ली जाएगी। यहां दो दिन से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हो रहा है। मौसम को देख लाहुल स्पीति प्रशासन ने सीमा संगठन बल (बीआरओ) भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) व राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को अलर्ट पर रखा है।

मशीनरी तैनात करने के निर्देश

लोक निर्माण को हिमपात से बाधित होने वाले मार्गों पर मशीनरी तैनात करने के निर्देश दिए हैं। विद्युत विभाग व बीएसएनएल को बिजली व दूरसंचार सेवाएं नियमित करने को कहा गया है। प्रदेश में चंबा जिले के पांगी, भरमौर व किन्नौर के अतिरिक्त लाहुल स्पीति जिले के दुर्गम क्षेत्रों में हिमपात के कारण मतदान प्रक्रिया में बाधा आ सकती है, इससे निपटने के लिए चुनाव आयोग तैयारी में जुट गया है।

लाहुल स्‍पीति में 92 मतदान केंद्रों पर होगा वोटिंग

लाहुल स्पीति हलके में 92 मतदान केंद्र हैं। इनमें 65 मतदान केंद्र 10,000 से 15000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। 15,256 फीट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र टशीगंग भी इसी हलके का हिस्सा है। 20 मतदान केंद्र लोसर, कीमो, हंसा, हल, खुरिक, चिचम, किबर, टशीगंग, हिक्किम, लांगचा, डेमुल, लालूंगा, ग्यु, ढंखर, सगनम, मने योगमा 12 हजार फीट से ऊपर हैं। 10 हजार से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर 45 मतदान केंद्र हैं। रविवार को करीब 20 मतदान केंद्रों पर हिमपात हुआ है। हिमपात का क्रम ऐसे ही जारी रहा तो मतदान केंद्रों को जोड़ने वाली सड़कें बाधित हो सकती हैं। 2017 के चुनाव में भी कई सड़कें बाधित हो गई थीं।

आयोग के साथ प्रत्याशी भी मुश्किल में

लाहुल स्पीति सहित कुल्लू के ऊंचाई वाले मतदान केंद्रों में हिमपात होने से निर्वाचन आयोग की मुश्किल बढ़ गई हैं। प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं को भी प्रचार प्रसार में दिक्कत हो रही है। बारालाचा व शिंकुला दर्रे सहित कुंजम व रोहतांग दर्रे में हिमपात हो रहा है। प्रशासन ने शिंकुला व बारालाचा दर्रे पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी है। पर्यटकों को दारचा तक ही जाने की अनुमति है। रोहतांग दर्रा पर्यटकों के लिए बहाल है। रविवार को चंबा जिले के भरमौर, सलूणी व चुराह की ऊपरी पहाड़ियों पर भी हिमपात हुआ है। पांगी मुख्यालय किलाड में भी ताजा हिमपात से यहां परेशानी बढ़ गई है।

प्रशासन पूरी तरह तैयार

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त लाहुल स्पीति सुमित खिमटा का कहना है कि हिमपात होने की सूरत मतदान को समय से कराने के लिए विशेष योजना बनाई गई है। सड़क, परिवहन व संचार व्यवस्था को सुचारु रखने के निर्देश दिए गए हैं। पोलिंग पार्टियों व मतदाताओं को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर हेलीकाप्टर का भी सहारा लिया जाएगा।

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