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Himachal Election 2022: यहां चुनाव करवाने में मौसम की चुनौती, 1998 में बर्फबारी के कारण बदलना पड़ा था शेड्यूल

Himachal Pradesh Election 2022 हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। पहाड़ी राज्‍य हिमाचल में सर्दी का मौसम दस्‍तक दे चुका है। अब कभी भी भारी बर्फबारी का दौर शुरू हो सकता है। ऐसे में स्थिति बिगड़ सकती है।

By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar SharmaUpdated: Tue, 01 Nov 2022 03:09 PM (IST)
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लाहुल स्‍पीति का टशीगंग मतदान केंद्र पर मौजूद मतदाता। फाइल फोटो

मनाली, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Election 2022, हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। हिमाचल की भौगोलिक परिस्थिति बेहद कठिन है। पहाड़ी राज्‍य में सर्दी का मौसम दस्‍तक दे चुका है। अब कभी भी भारी बर्फबारी का दौर शुरू हो सकता है। भारी बर्फबारी होने का चुनाव पर भी असर पड़ सकता है। 1998 में भी बर्फबारी ने चुनावी कार्यक्रम प्रभावित कर दिया था। तब जनजातीय विधानसभा क्षेत्र लाहुल स्‍पीति, भरमौर व किन्‍नौर में मई महीने में चुनाव करवाने पड़े थे। हिमाचल प्रदेश के ये तीन विधानसभा क्षेत्र ही बर्फबारी के कारण सबसे ज्‍यादा प्रभावित होते हैं।

क्षेत्रफल के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र

क्षेत्रफल के हिसाब से देश के दूसरे सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र लाहुल स्पीति में नवंबर में चुनाव करवाना इतना आसान नहीं है। नवंबर महीने में इस शीत मरुस्थल में भारी बर्फबारी होती रही है। 1998 में तो चुनाव आयोग को भारी बर्फ़बारी के कारण तिथि बदलनी पड़ी थी। उस समय प्रदेश में दिसबंर महीने में भाजपा ने हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली लेकिन लाहुल स्पीति में 1999 में मई महीने में चुनाव हो पाए थे। जिसमें हिविका के प्रत्याशी डा. रामलाल मार्कंडेय भाजपा के गठबन्धन से चुनाव जीते थे और प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की सरकार में मंत्री बने थे।

स्‍पीति घाटी की राह में कुंजुम दर्रा है रोड़ा

लाहुल घाटी की बात की जाए तो अटल टनल रोहतांग अब यहां के लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। टनल बनने से चुनाव आयोग की राहें भी आसान हुई हैं, लेकिन बर्फबारी होने की सूरत में स्पीति घाटी में अभी भी दिक्कत बरकरार है। लाहुल घाटी तो अब सर्दियों में भी मनाली से जुड़ी रहती है और देश विदेश के पर्यटक भी सर्दियों में शीत मरुस्थल के दीदार कर पाते हैं। लेकिन स्‍पीति घाटी कुंजुम दर्रे पर बर्फबारी होने के कारण कट जाती है।

अधिकतर मतदान केंद्र 12 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर

13833 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले लाहुल स्पीति विधानसभा क्षेत्र की सीमाएं चंबा के पांगी से समदो में चीन सीमा को छूती हैं। स्पीति में दुनिया का सबसे ऊंचा 15256 फीट उंचा टशीगंग मतदान केंद्र है। स्पीति के अधिकतर मतदान केंद्र 12 हजार फीट की ऊंचाई पर हैं।

चुनाव आयोग ने की है तैयारी

बर्फबारी के बीच भी प्रदेश में मतदान में कोई रुकावट नहीं आएगी। चुनाव आयोग की माने तो इसके लिए विशेष तैयारियां की हैं, जिसमें एयर टैक्‍सी से लेकर जेसीबी मशीनरी का विकल्‍प रखा गया है। इस महीने लाहुल स्पीति में अधिक बर्फ़बारी होती रही है। ऐसे में अगले सप्ताह भी बर्फबारी होती है तो सबसे बड़ी चुनौती मतदान कराने की रहेगी।

लाहुल स्पीति में 24744 मतदाता

लाहुल स्‍पीति में 24744 मतदाता हैं। 92 मतदान केंद्रों में करीब 368 पोलिंग अधिकारी व कर्मचारी सेवाएं देंगे। इसके अतिरिक्त 160 रिजर्व कर्मचारी भी तैनात किए गए हैं। 720 नए मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। आदर्श मतदान केंद्र जाहलमा को बनाया है। एक मतदान केंद्र क्रिटिकल और पांच संवेदनशील चिह्नित किए गए हैं। सबसे ज्‍यादा मतदाता काजा पोलिंग स्टेशन में 806 हैं तथा सब से कम लिंगर में 38 मतदाता हैं।

निर्वाचन विभाग ने की निर्विरोध मतदान करवाने की तैयारी

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सुमित खिमटा का कहना है बर्फबारी के बीच मतदान को समय से करवाने के लिए विशेष योजना बनाई गई है। सड़क, परिवहन व संचार व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए सोमवार को सीमा सड़क संगठन, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन, पुलिस सहित लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की गई है। हिमपात के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से बहाल रखने के लिए चिह्नित स्थानों पर मशीनरी तैनात करने के निर्देश दिए हैं। पोलिंग पार्टियों व मतदाताओं को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।

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