Karwa Chauth Puja Vidhi: करवाचौथ पर पति की दीर्घायु के लिए किस तरह करें पूजा, यहां जानिए सबकुछ
Karwa Chauth Vrat Puja Vidhi इस बार करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को होगा। सुहागिनों के लिए यह व्रत देश भर में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। करवा चौथ स्त्रियों का सर्वाधिक प्रिय व्रत है। करवा चौथ का सर्वाधिक महत्त्व माना जाता है।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Karwa Chauth Vrat Puja Vidhi, इस बार करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को होगा। सुहागिनों के लिए यह व्रत देश भर में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। करवा चौथ स्त्रियों का सर्वाधिक प्रिय व्रत है। करवा चौथ का सर्वाधिक महत्त्व माना जाता है। इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अटल सुहाग, पति की दीर्घ आयु, स्वास्थ्य एवं मंगलकामना के लिए यह व्रत करती हैं। इस बार करवा चौथ का व्रत करने वाली सुहागिनों को चांद का दीदार करने के लिए धैर्य रखना होगा।
आठ बजे के बाद निकलेगा चांद
पंडित संजय शर्मा के मुताबिक इस बार करवा चौथ के दिन चांद 8 बजकर 06 मिनट पर निकलेगा। जिसका अर्थ है कि उस समय के बाद सुहागिनें पूजा करके व्रत का उदापन कर सकती हैं। उन्होंने कहा व्रत के दिन प्रात: स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें। पूरे दिन निर्जल रहें। दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें।
पूजा में ये सामग्री लें
आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और पक्के पकवान बनाएं। पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी बनाकर बिठाएं। गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं। चौक बनाकर आसन को उस पर रखें। गौरी को चुनरी ओढ़ाएं। बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें। जल से भरा हुआ लोटा रखें।
इस तरह करें पूजन
करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें। उसके ऊपर दक्षिणा रखें। रोली से करवा पर स्वास्तिक बनाएं। गौरी-गणेश और चित्रित करवा की परंपरानुसार पूजा करें। पति की दीर्घायु की कामना करें। रात्रि में चंद्रमा निकलने के बाद छननी की ओट से उसे देखें और चंद्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें।
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