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हिमाचल प्रदेश में पहाड़ तपे तो बढ़ गई बिजली की मांग, एक सप्‍ताह में डिमांड में हुई इतनी बढ़ोतरी

Himachal Electricity Consumption पहाड़ तपते ही प्रदेश में बिजली की मांग बढ़ गई है। सप्ताह भर में बिजली की मांग में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मौसम के तेवर ऐसे बने रहे तो विद्युत व्यवस्था का ढांचा पटरी से उतर सकता है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Updated: Sat, 11 Jun 2022 10:51 AM (IST)
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पहाड़ तपते ही प्रदेश में बिजली की मांग बढ़ गई है।

मंडी, जागरण संवाददाता। Himachal Electricity Consumption, पहाड़ तपते ही प्रदेश में बिजली की मांग बढ़ गई है। सप्ताह भर में बिजली की मांग में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मौसम के तेवर ऐसे बने रहे तो विद्युत व्यवस्था का ढांचा पटरी से उतर सकता है। घरों के अलावा उद्योगों में भी बिजली की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। गर्मी से बचने के लिए घरों, कार्यालयों व उद्योगों में रात-दिन एसी का प्रयोग हो रहा है। इससे बिजली की खपत बढ़ी है। प्रदेश के पास इस समय 358.24 लाख यूनिट बिजली उपलब्ध है,जबकि मांग 361.77 लाख यूनिट तक पहुंच गई है।  उद्योगों में अधिकतम 200 लाख यूनिट व घरेलू बिजली की मांग 100 लाख यूनिट के आसपास रहती थी। भीषण गर्मी से उद्योगों में बिजली की मांग 236 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। उपकरणों को ठंडा रखने के अलावा कार्यालय में रात-दिन एसी का प्रयोग हो रहा है। घरेलू मांग भी 126 लाख यूनिट तक पहुंच गई है।

राज्य विद्युत परिषद के पनविद्युत प्रोजेक्टों व केंद्रीय प्रोजेक्टों की हिस्सेदारी को मिलाकर कुल बिजली उत्पादन 595.7 लाख यूनिट है। इसमें 57.46 लाख यूनिट बिजली की खरीद हो रही है। बिजली बोर्ड को इस खरीदारी की एवज में 296 लाख रुपये देना पड़ रहे हैं। वहीं, सरकार अपने हिस्से की 98.29 लाख यूनिट बेच रही है। 6.88 रुपये प्रति यूनिट की दर से 98.29 लाख यूनिट बिजली की ब्रिकी से सरकार की झोली में रोजाना करीब छह करोड़ रुपये का राजस्व आ रहा है। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज सेल्ज में सरकार की एक यूनिट बिजली 8.03 रुपये में बिकी है।

एसएलडीसी शिमला के अधीक्षण अभियंता देसराज का कहना है प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं हैं। कहीं कोई कटौती नहीं हो रही है। मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।