शिमला शहर में बिना अनुमति वाल राइटिंग और पोस्टर लगाने पर ABVP, SFI और NSUI के खिलाफ FIR दर्ज
Himachal Pradesh News राजधानी शिमला में बिना अनुमति वाल राइटिंग और पोस्टर बैनर लगाने को लेकर पुलिस ने एबीवीपी एसएफआई और एनएसयूआई छात्र संगठनों के खिलाफ तीन अलग अलग मामले दर्ज किए हैं। छोटा शिमला लक्कड़ बाजार चौकी व समरहिल चौकी में यह मामले दर्ज किए गए हैं।
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh News, राजधानी शिमला में बिना अनुमति वाल राइटिंग और पोस्टर बैनर लगाने को लेकर पुलिस ने एबीवीपी, एसएफआई और एनएसयूआई छात्र संगठनों के खिलाफ तीन अलग अलग मामले दर्ज किए हैं। छोटा शिमला, लक्कड़ बाजार चौकी व समरहिल चौकी में यह मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेश उच्च न्यायलय के आदेशों के बाद पुलिस ने शहर में अवैध रूप से लगे होर्डिंग और पोस्टर बैनर के अलावा वाल राइटिंग करने पर यह मामले दर्ज किए हैं। पहला मामला छोटा शिमला थाना में दर्ज हुआ है। विकासनगर कार पार्किंग के समीप स्वरस्वती विद्या मंदिर स्कूल परिसर के सामने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के होर्डिंग, पोस्टर लगे हुए थे। छात्र संगठनों ने यहां पर वाल राइटिंग भी की थी।
एबीवीपी का पिछले सप्ताह यहां पर राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसके लिए वॉलराइटिंग की गई थी। वॉल राइटिंग व होर्डिंग लगाने के लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस ने ऐसा करने पर एबीवीपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
दूसरा मामला लक्कड़ बाजार चौकी में दर्ज हुआ है। पुलिस की टीम ने संजौली कॉलेज के पास सरकारी संपत्ति पर बिना अनुमति एबीवीपी, एसएफआई और एनएसयूआई के पोस्टर लगाने को लेकर मामला दर्ज किया है। तीसरा मामला समरहिल चौकी में दर्ज हुआ है। एचपीयू कैंपस, चौड़ा मैदान में वॉल पेंटिंग और अवैध रूप से पोस्टर लगाने को लेकर यह मामला दर्ज हुआ है। तीनों छात्र संगठनों को नामजद किया गया है। हालांकि ये होर्डिंग व वॉल राइटिंग काफी समय पहले की है। पुलिस ने अब इनके खिलाफ मामले दर्ज किए हैं।
क्या कहा था कोर्ट ने
बीते बुधवार को प्रदेश उच्च न्यायलय ने नगर निगम शिमला क्षेत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों के विज्ञापन होर्डिंग लगाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका को जनहित याचिका में तब्दील किया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने अपने आदेशों में कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से दायर की गई याचिका जनहित से संबंधित है। अदालत ने याचिकाकर्ता की ओर से प्रतिवादी बनाए गए राजनीतिक दल को प्रतिवादियों की लिस्ट से हटाये जाने के आदेश दिये थे। अदालत में उपस्थित एसपी शिमला और आयुक्त को आदेश दिए कि वे शिमला शहर से विज्ञापन और होर्डिंग्स हटाएं और इसकी अनुपालना रिपोर्ट 16 जून तक शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को सौंपे।
पुलिस ने कोर्ट में यह रखा था तर्क
पुलिस अधीक्षक शिमला की ओर से अदालत को बताया गया कि विज्ञापन होर्डिंग लगाए जाने पर अभी तक तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। इन मामलों में अभी जांच चल रही है। नगर निगम शिमला के आयुक्त ने अदालत को बताया कि नियमों की उल्लंघना करने वाले के खिलाफ नोटिस जारी किये जा रहे हैं।
हाईकोर्ट ने पहले भी जारी किए थे राजनीतिक दलों के विज्ञापन होर्डिंग हटाने के आदेश
हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला क्षेत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों के विज्ञापन होर्डिंग को तुरंत हटाने के आदेश जारी किए थे। अदालत ने अपने आदेशों में कहा था कि कोई भी राजनीतिक दल या विज्ञापनकर्ता नियमों की अवहेलना कर विज्ञापन और होर्डिंग्स नहीं लगा सकता है। नगर निगम शिमला के नियम-9 के मुताबिक राष्ट्रपति भवन से लेकर छोटा शिमला व माल रोड क्षेत्र में किसी भी तरह के होर्डिंग्स लगाने की मनाही है। इसी तरह से रिज मैदान पर विज्ञापन होर्डिंग लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध है। लेकिन इस नियम की खुलेआम उल्लंघना की गई। इसी प्रकार विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से इन क्षेत्रों में नियमों की अवहेलना करके विज्ञापन होर्डिंग लगाए गए है।