किसानों-बागवानों के जीवन में खुशहाली का रस घोलेगी रानी मधुमक्खी, 100 किलो तक शहद कर सकती है तैयार
Himachal Pradesh News औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी (हमीरपुर) के विज्ञानियों ने मधुमक्खी पर शोध किया है। रानी मधुमक्खी अधिक शहद पैदा करने वाली मधुमक्खियों में से है। यह मधुमक्खी साल में सौ किलोग्राम तक शहद उत्पादन कर सकती है।
हमीरपुर, रणवीर ठाकुर। Himachal Pradesh News, फल राज्य हिमाचल के किसानों की आर्थिक स्थिति को मधुमक्खियां मजबूती देंगी। औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी (हमीरपुर) के विज्ञानियों ने रानी मक्खी व अधिक शहद पैदा करने वाली मधुमक्खियों पर शोध किया है। शहद का ज्यादा उत्पादन करने वाली मधुमक्खियों का पता लगाया गया है। इन मधुमक्खियों की 40 कालोनियां तैयार कर बागवानों को दी गई हैं। इसका दो तरह से लाभ होगा। एक तो शहद का उत्पादन बढ़ेगा। दूसरा सेब सहित अन्य फलों में परागण आवश्यक होता है। इनमें मधुमक्खियां अहम होती हैं। मधुमक्खियां सेब का फल लगने से पहले फूलों पर बैठती हैैं और परागण करती हैैं। इससे अच्छे तथा अधिक मात्रा में फल लगते हैैं।
मधुमक्खी परागणता के अलावा अन्य बहुत से महत्वपूर्ण पदार्थ प्रदान करती हैं। जैसे शहद, मोम एवं रायल जैली आदि। इसके अलावा शहद में प्रोपोलिस उपयोगी पदार्थ होता है, जो बीमारियों से बचाता है और ऊर्जा भी देता है। मोम और प्रोपोलिस सौंदर्य प्रसाधन के काम भी आते हैं।
रानी मधुमक्खी पर छह दशक से चल रहा शोध
रानी मधुमक्खी पर लगभग छह दशक से शोध चल रहा है। सबसे पहले कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां में 1962 में इस पर काम हुआ। हमीरपुर के भोटा कृषि फार्म में 2003 से रानी मधुमक्खी पर काम शुरू हुआ। औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय शोध संस्थान नेरी में 2011 में इस पर काम हुआ और रानी मधुमक्खी का पता लगाया गया। यह मधुमक्खी ज्यादा बच्चों को जन्म देती है। शांत स्वाभाव की होती है। ज्यादातर काटती भी नहीं है।
वर्ष में 20 किलोग्राम तक तैयार करती है शहद
रानी मधुमक्खी एक वर्ष में 15 से 20 किलोग्राम शहद तैयार करती हैं। यदि इस मधुमक्खी का स्थान बदलते रहें तो एक वर्ष में 100 किलोग्राम शहद भी तैयार कर सकती है। रानी मधुमक्खी की तुलना में दूसरी मधुमक्खी वर्ष में तीन से पांच किलोग्राम तक शहद तैयार करती हैं। औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय शोध संस्थान नेरी रानी मधुमक्खी की इस प्रजाति को किसानों तक पहुंचाने में लगा है, जिससे उनको ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ व अधिकारी
- औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी हमीरपुर के प्रमुख विज्ञानी वीरेंद्र राणा का कहना है नेरी में रानी मक्खियों को लेकर शोध किया गया है। अच्छी रानी मक्खी की खोज विज्ञानियों ने की है। अधिक रानी मक्खियां तैयार होने पर इसका लाभ किसानों व बागवानों को मिलेगा। मधुमक्खियों के कारण प्रदेश में फलों की अधिक पैदावार होगी। शहद का उत्पादन बढऩे से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, नेरी, हमीरपुर के डीन डा. कमल शर्मा का कहना है हिमाचल प्रदेश सरकार ने मधुमक्खियों के विकास के लिए एक योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री मधु विकास योजना-2021 से रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मधुमक्खी पालन के लिए बागवानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। तीन सौ के लिए तीन लाख 20 हजार रुपये तक की सहायता प्रदान की जा रही है।