Shrikhand Mahadev Yatra: कठिनतम श्रीखंड यात्रा के 35 किलोमीटर के ट्रैक में पांच बेस कैंप, तस्वीरों में देखिए भक्तों का उत्साह
Shrikhand Mahadev Yatra 2022 हिमाचल प्रदेश की कठिनतम यात्रा में से एक श्रीखंड यात्रा सोमवार सुबह शुरू हो गई। 18570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड यात्रा 18 से 60 साल तक की आयु वाले लोग ही कर सकेंगे। सोमवार को श्रीखंड महादेव यात्रा का पहला जत्था रवाना हुआ।
आनी (कुल्लू), संवाद सहयोगी। Shrikhand Mahadev Yatra 2022, हिमाचल प्रदेश की कठिनतम यात्रा में से एक श्रीखंड यात्रा सोमवार सुबह शुरू हो गई। 18,570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड यात्रा 18 से 60 साल तक की आयु वाले लोग ही कर सकेंगे। सोमवार को श्रीखंड महादेव यात्रा का पहला जत्था रवाना हुआ। शाम को चार बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक यात्रा पर जाने की किसी को अनुमति नहीं होगी। 24 जुलाई तक यात्रा चलेगी। बिना पंजीकरण व स्वास्थ्य जांच प्रमाणपत्र के किसी को भी यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। सुबह नौ बजे तक 293 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करवाया। सिंहगाड़ बेस कैंप पर 160 लोगों के स्वास्थ्य की भी जांच की गई।
आधार शिविर सिंहगाड़ में मेडिकल जांच व पंजीकरण के बाद यात्रा पर जाने की अनुमति मिलेगी। पंजीकरण शुल्क 200 रुपये है। यात्रा में पांच बेस कैंप सिंहगाड़, थाचडू, कुंशा, भीमडवारी व पार्वतीबाग में बने हैं। पार्वतीबाग से दोपहर 12 बजे के बाद कोई यात्री आगे नहीं जाएगा। आधार कैंप में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट के अधीन मेडिकल, रेस्क्यू पुलिस की टीमें तैनात होंगी। हर कैंप में 20 स्वास्थ्य कर्मी, 30 पुलिस कर्मी व रेस्क्यू टीम के 40 सदस्यों की तैनाती की गई है। यात्रा के दौरान जरूरी दवाएं, ग्लूकोज, ड्राई फ्रूट, डंडा, गर्म कपड़े व जूते, टार्च अवश्य साथ लेकर आने का आह्वान किया गया है।
हर कैंप में 10-10 आक्सीजन पंप
यात्रा के दौरान चढ़ाई चढ़ते हुए ऊंचाई पर अक्सर आक्सीजन की कमी हो जाती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने लोगों की सुविधा के लिए आक्सीजन का पुख्ता इंतजाम किया है। हर पड़ाव पर आक्सीजन के 10-10 पंप पहुंचा दिए गए हैं। सात सिलेंडर बेस कैंप सिंहगाड़ पर भी रखे हैं।
आसान नहीं है 35 किलोमीटर का ट्रैक, इस तरह पहुंचे
श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए शिमला जिला के रामपुर से कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओं तक छोटे वाहनों और बसों में पहुंचा जा सकता है। जहां से आगे करीब 35 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है। शिमला से रामपुर- 130 किलोमीटर, रामपुर से निरमंड-17 किलोमीटर, निरमंड से बागीपुल 17 किलोमीटर, बागीपुल से जाओं करीब 12 किलोमीटर दूर है।
पहला जत्था रवाना
एडीएम कुल्लू प्रशांत सरकैक का कहना है श्रीखंड महादेव यात्रा आधिकारिक तौर पर शुरू हो गई। श्रद्धालुओं का पहला जत्था सिंहगाड़ आधार शिविर से रवाना हुआ। बिना पंजीकरण व स्वास्थ्य जांच प्रमाणपत्र कोई यात्रा नहीं कर पाएगा।