हिमाचल में शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना न्यूज पोर्टल चला रहे शिक्षक व गैर शिक्षक, अब होगी कार्रवाई
Himachal Teachers News हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना अपना न्यूज पोर्टल चलाने वाले शिक्षकों और गैर शिक्षकों पर विभाग कार्रवाई करेगा। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने इसको लेकर सभी जिलों के उपनिदेशकों को पत्र जारी कर दिया है।
By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Updated: Wed, 21 Sep 2022 09:08 AM (IST)
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Teachers News, हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना अपना न्यूज पोर्टल चलाने वाले शिक्षकों और गैर शिक्षकों पर विभाग कार्रवाई करेगा। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने इसको लेकर सभी जिलों के उपनिदेशकों को पत्र जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि यदि उनके ध्यान में ऐसा मामला सामने आता है तो कार्रवाई के लिए निदेशालय को अनुशंसा के लिए भेजें। कई शिक्षकों और गैर शिक्षकों ने नेतागिरी चमकाने के लिए अपने न्यूज पोर्टल बनाए हुए हैं।
कई के फेसबुक पेज भी हैं। इन पर वे रोज लेक्चर देते हैं। सीसीएस नियम, भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अलावा सरकार की ओर से जारी की जाने वाली अधिसूचनाओं की अपने ढंग से व्याख्या करते हैं। इससे कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती है। कर्मचारी फेसबुक और न्यूज पोर्टल पर चलने वाली खबरों को ही सच मान लेते हैं क्योंकि शिक्षक और गैर शिक्षक ही वायरल करते हैं। विभाग ने चेतावनी दी है कि भविष्य में नियमों की पालना करें।
स्कूलों में अध्यापकों के रिक्त पदों पर भी 27 को होगी सुनवाई
शिमला, विधि संवाददाता। शिमला ग्रामीण की तीन पंचायतों के स्कूलों में शिक्षकों के 46 पद रिक्त मामले की सुनवाई 27 सितंबर तक टल गई है। यह मामला स्थानीय निवासी पुष्पेंद्र कुमार ने याचिका के माध्यम से अदालत के समक्ष लाया है। आरोप लगाया गया है कि पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में राज्य सरकार विफल रही है। इन स्कूलों में शिक्षकों के कई पद वर्षों से खाली पड़े हैं। पंचायत धरोगड़ा, बाग और हिमरी के छह स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बनूना में शिक्षकों के 16 पद सात वर्ष से रिक्त हैं। इसी तरह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धरोगड़ा में 13, बाग में 10, राजकीय माध्यमिक पाठशाला हिमरी में एक, गढेरी में तीन और गडाहू में तीन पद खाली पड़े हैं। दलील दी गई कि शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार की श्रेणी में आता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए संविधान में दिए प्रविधान के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही फैसला ले सकती हैं।
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