Anand Sharma: आजाद के बाद आनंद शर्मा का इस्तीफा : हिमाचल में स्टीयरिंग कमेटी का चेयरमैन पद छोड़ा, सोनिया से बोले - नजरअंदाज किया जा रहा
Himachal Congress Leader Anand Sharma पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने विधानसभा चुनाव के लिए गठित हिमाचल प्रदेश कांग्रेस संचालन समिति अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। आनंद शर्मा ने कहा कि वह अपने स्वाभिमान के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं कर सकते।
By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Updated: Sun, 21 Aug 2022 04:21 PM (IST)
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Congress Leader Anand Sharma, पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने विधानसभा चुनाव के लिए गठित हिमाचल प्रदेश कांग्रेस संचालन समिति अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में आनंद शर्मा ने कहा कि वह अपने स्वाभिमान के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं कर सकते। सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों हिमाचल में चुनावों के सिलसिले में हुई बैठकों में आंनद शर्मा को बुलाया ही नहीं गया था। इससे वह खासे नाराज चल रहे थे। आनंद शर्मा हिमाचल से संबंध रखते हैं। इसे देखते हुए पार्टी हाईकमान ने उन्हें प्रदेश में विस चुनावों के लिए गठित संचालन समिति की जिम्मेदारी सौंपी थी।
पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर आनंद शर्मा ने पद छोड़ने के कारण बताए हैं। संगठन सूत्रों के मुताबिक शर्मा ने आश्वासन दिया है कि वो कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार में हिस्सा लेंगे। आनंद शर्मा का इस्तीफा पार्टी की भीतरी कलह को एक बार फिर उजागर किया है।आनंद शर्मा उस जी-23 ग्रुप के ही सदस्य हैं जिसके एक अन्य सदस्य गुलाम नबी आजाद ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी द्वारा दिए अहम पद से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि विस चुनावों के लिए कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने कई कमेटियां गठित की हुई हैं। दो रोज पूर्व प्रदेश चुनाव समिति का गठन भी किया था। इसमें भी आनंद शर्मा समेत कई नेताओं को शामिल किया गया है।
हिमाचल की राजनीति में कम हस्तक्षेपआनंद शर्मा शिमला के रहने वाले हैं। लेकिन हिमाचल प्रदेश की राजनीति में उनका हस्तक्षेप बहुत कम रहा है। इसका एक कारण पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को भी माना जाता रहा है। वीरभद्र सिंह प्रदेश में कांग्रेस के काफी कद्दावर नेता थे। उन्होंने अपनी अगुवाई में ही हिमाचल में चुनाव लड़े और जीते। आनंद शर्मा केंद्र की राजनीति में ही ज्यादा सक्रिय रहे।
इस साल के अंत में होने हैं चुनावहिमाचल प्रदेश में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने प्रस्तावित हैं। नवंबर या दिसंबर तक प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। 2017 में हुए चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। अभी वर्तमान में भाजपा के खाते में 43 सीटें हैं, दो आजाद विधायक भी भाजपा को समर्थन दे रहे हैं, जबकि कांग्रेस के पास 23 विधायक हैं। हालांकि इनमें से भी दो विधायकों ने हाल ही में भाजपा का दामन थाम लिया है।
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