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विस अध्‍यक्ष विपिन परमार से खास बातचीत: बोले- इच्छाएं तो बहुत थीं पर जो जिम्मेदारी पार्टी ने दी निभाऊंगा

Vipin Singh Parmar Interview इच्छाएं तो बहुत थी पर जो जिम्मेदारी पार्टी और हाईकमान ने दी है उसे न्याय और धर्म के साथ निभाऊंगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Updated: Thu, 27 Feb 2020 09:14 AM (IST)
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विस अध्‍यक्ष विपिन परमार से खास बातचीत: बोले- इच्छाएं तो बहुत थीं पर जो जिम्मेदारी पार्टी ने दी निभाऊंगा

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। इच्छाएं तो बहुत थी पर जो जिम्मेदारी पार्टी और हाईकमान ने दी है उसे न्याय और धर्म के साथ निभाऊंगा। विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर अब भूमिका बदल गई है। मुख्य अध्यापक की भूमिका निभाऊंगा। हालांकि वरिष्ठता और अनुभव में सदन में सदस्य काफी हैं। ऐसे में सभी की नजरें होंगी और प्रदेश विधानसभा ने जो देश में अलग मुकाम हासिल किया है उसे सर्वोपरि रखा जाएगा। विपिन सिंह परमार विधानसभा के अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के बाद दैनिक जागरण से बातचीत कर रहे थे। प्रस्तुत हैं विधानसभा अध्यक्ष से बातचीत के मुख्य अंश :

स्वास्थ्य मंत्री के बाद अब नई जिम्मेदारी मिलने पर कैसा अनुभव कर रहे हैं। क्या प्राथमिकता होगी?

अब तो भूमिका ही बदल गई है। अब भूमिका मुख्य अध्यापक की हो गई है। यह अलग बात है कि सदन में मुझसे अनुभव व वरिष्ठता में बहुत से सदस्य हैं। धर्म और न्याय को सर्वोपरि रख जिम्मेदारी को निभाऊंगा। पहले मंत्री के तौर पर लोगों से सीधा संपर्क रहता था। अब संपर्क कम हो जाएगा, लेकिन संपर्क सीधा भी रखूंगा और अध्यक्ष के तौर पर प्रदेश के विकास में अमूल्य योगदन का प्रयास रहेगा। हर व्यक्ति की इच्छाएं होती हैं और इच्छा से ऊपर पार्टी और हाईकमान के निर्देश हैं। पहले भी उन्हें निभाया और अब भी बेहतर तरीके से निभाऊंगा।

सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव से कार्य प्रभावित न हो इसके लिए क्या प्रक्रिया रहेगी?

विधानसभा सत्र के दौरान कई बार ऐसी स्थिति भी आती है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव की नौबत आ जाती है। सदन की कार्यवाही प्रभावित न हो। सदन बेहतर तरीके से चले इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का सहयोग लिया जाएगा। न्याय व नियमों के आधार पर सदन को संचालित किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश की विधानसभा देश में अपना अलग स्थान रखती है और नियमों व उप नियमों में बंटी है। इन्हीं के आधार पर सदन की वार्षिक बैठकों को पूरा करवाने के साथ सदस्यों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी और जनहित से जुड़े मामलों को तवज्जो दी जाएगी। राजनीति से ऊपर डठकर संपूर्ण सदन के प्रति समदृष्टि अपनाई जाएगी।

पत्र बम का प्रभाव है कि मंत्रालय के स्थान पर नई जिम्मेदारी दी गई। इससे सब भाग रहे थे?

पत्र बम का कोई प्रभाव नहीं है और न ही उसमें कुछ था। स्वास्थ्य विभाग का दायित्व अनुभव व वरिष्ठता के आधार पर दिया गया था। स्वास्थ्य क्षेत्र को बेहतर बनाने और लोगों के हित में नई योजनाओं को शुरू किया गया। इससे लाखों लोगों को लाभ मिल रहा है। विधानसभा अध्यक्ष बनकर ऐसे कार्य हो सकते हैं जिन्हें लोग हमेशा याद करेंगे। इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे।

विपक्ष अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर राजनीतिक बलि कह रहा है। इस संबंध में क्या कहना चाहेंगे?

विधानसभा अध्यक्ष पद की अलग जिम्मेदारी होती है। विपक्ष का काम तो ऐसे ही कहना है। अब सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का सहयोग लेकर चलना है। तभी सदन बेहतर तरीके से संचालित किया जा सकता है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव ङ्क्षबदल ने अपने दायित्व को बेहतर तरीके से निभाया और उन्हें अब अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी जो कार्यभार देगी उसे बेहतर तरीके से निभाने का प्रयास किया जाएगा।

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