Himachal Election 2022: सोलन की पांचों सीटों में कांग्रेस प्रत्याशियों की तस्वीर लगभग साफ, यहां फंस सकता है पेंच
Congress Candidates In Solan हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस फ्रंटफुट पर खेलने की तैयारी में जुटी है यही कारण है कि प्रदेश कांग्रेस 68 में से आधे से ज्यादा सीटों पर जल्द ही प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी कर सकती है।
सोलन, मनमोहन वशिष्ठ। Congress Candidates In Solan, हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस फ्रंटफुट पर खेलने की तैयारी में जुटी है, यही कारण है कि प्रदेश कांग्रेस 68 में से आधे से ज्यादा सीटों पर जल्द ही प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी कर सकती है। सोलन जिला की पांचों विस सीटों में से चार में प्रत्याशियों के एकल नाम आगे भेजे गए हैं, जबकि एक विस में पेंच फसा है। सोमवार को दिल्ली में हुई हिमाचल प्रदेश कांग्रेस राज्य चुनाव समिति की बैठक में जहां चुनावी की रणनीति पर चर्चा हुई, वहीं सभी सीटों पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी मंथन हुआ। बैठक में प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह से लेकर वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू, ठाकुर रामलाल, डॉ. धनीराम शांडिल, ठाकुर कौल सिंह, सुधीर शर्मा, आशा कुमारी समेत कई नेता मौजूद रहे।
सोलन जिला में एकाध ही होगा नया चेहरा
सोलन जिला में पांच विस क्षेत्रों में से अर्की विस क्षेत्र में संजय अवस्थी व सोलन से डॉ. धनीराम शांडिल मौजूदा विधायक है। सीटिंग विधायकों के टिकट नहीं कटेंगे, ऐसे में अर्की व सोलन में नाम तय है। वहीं दून विस क्षेत्र में भी पूर्व विधायक राम कुमार प्रत्याशी हो सकते हैं। उनके नाम फाइनल होने की सूचना उनके समर्थकों ने इंटरनेट मीडिया पर शेयर की है। वहीं कसौली में पूर्व प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी का नाम भी लगभग तय हो चुका है। वह 2012 के विस चुनाव में मात्र 24 मतों व 2017 के विस चुनाव में 442 मतों से चुनावी जीत से चूक गए थे। सूत्रों की मानें तो बैठक में सोलन जिला में सोलन, अर्की, दून व कसौली विस क्षेत्रों से सिंगल नामों को ही आगे भेजा गया है। वहीं नालागढ़ विस क्षेत्र में अभी पेंच फसा हुआ है। यहां पर इंटक के प्रदेशाध्यक्ष हरदीप बावा समेत एकाध और नाम है, जिस पर चर्चा जारी है।
जल्द नाम घोषित होने पर लोगों के बीच जाने का मिलेगा समय
आमतौर पर चुनाव से कुछ दिन पहले ही प्रत्याशियों के नाम फाइनल होने से उनको घर-द्वार दस्तक देने में पर्याप्त समय नहीं मिल पाता। ऐसे में 40 से अधिक पंचायतों को चुनाव प्रचार में कवर करना प्रत्ययाशी के लिए टेड़ी खीर बन जाता है। वहीं पहले ही प्रत्याशियों को अपनी उम्मीदवारी फाइनल होने का आभास हो जाए तो फिर वह समय का बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं।