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Himachal Weather Update: हिमाचल में आंधी-बरसात से बढ़ी मुश्किल, सड़कों पर गिरे पेड़; किसानों पर भी आफत

Himachal Weather Update हिमाचल में आंधी-तूफान से बीते दिन आम जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। तेज आंधी के चलते सड़कों पर पेड़ गिर गए। वहीं कांगड़ा जिला के जसवां परागपुर क्षेत्र की गंगोट पंचायत के रेही गांव में शाम करीब पांच बजे तीन वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। वहीं प्रदेश में बारिश और ओलों की चपेट में किसानों की पक्की पकाई फसल भी आ रही है।

By dinesh katoch Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 20 Apr 2024 08:00 AM (IST)
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Himachal Weather Update: हिमाचल में आंधी-बरसात से बढ़ी मुश्किल (File Photo)
संवाद सहयोगी, कांगड़ा।  Himachal Weather Update Today:  तूफान के कारण से पठानकोट मंडी राष्ट्रीय राज मार्ग के मटाैर में उत्सव पैलेस के पास आम का पेड़ सड़क के बीचों-बीच गिर गया। जिस कारण लगभग आधा घंटा राष्ट्रीय राजमार्ग- 154 बंद रहा।

घटना की सूचना मिलते ही मौके पर कांगड़ा पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और अग्निशमन के कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद अग्निशमन विभाग के कर्मियों द्वारा पेड़ को काटकर सड़क पर से हटाया। तब जाकर कहीं जाम को खुलवाया जा सका। गनीमत यह रही कि जिस समय पेड़ गिरा उस वक्त सड़क पर कोई वाहन चालक व राहगीर नहीं निकल रहा था।

अग्निशमन विभाग कांगड़ा के अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी मिलने के बाद वह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और पेड़ को काटकर सडक पर से हटाया गया। भारी भरकम पेड़ के टुकड़ों को वहां से हटाने के लिए एक जेसीबी की भी मदद लेनी पड़ी।

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पुलिस थाना प्रभारी कांगड़ा संजीव कुमार ने बताया कि आम के पेड़ गिरने की घटना की सूचना उन्हें मिली थी और वहां पर यातायात व थाना से पुलिस कर्मचारियों को भेजा गया था। उन्होने बताया कि लगभग आधे घंटे के बाद पेड़ को सडक पर से हटाकर यातायात बहाल किया गया।

तीन साल की बच्ची की गई जान

कांगड़ा जिला के जसवां परागपुर क्षेत्र की गंगोट पंचायत के रेही गांव में शाम करीब पांच बजे तीन वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। बच्ची आयशाना आंगन में खेल रही थी, तभी आंधी के कारण मकान की छत टूट गई और ग्रिल की चपेट में आ गई।

वहीं, कुल्लू जिला के तहत मनाली के भूतनाथ चौक के पास देवदार का पेड़ गिरने से 10 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और एक भवन को नुकसान पहुंचा है। एक व्यक्ति भी घायल हुआ, जिसे मनाली अस्पताल में भर्ती किया है।

खराब मौसम ने किसानों के चेहरे पर खींची चिंता की लकीरें

बैसाखी पर्व के बाद जहां किसान अपनी रवि की फसल की कटाई की तरफ जोर शोर से रुख कार्य करता है।वहां इस बार मौसम की बेरुखी ने किसानों की मेहनत पर पानी फेरने का मन बना लिया है। बार बार मौसम खराब होने के कारण तेज आंधी और बारिश हो रही है।

जिससे पकी फसल खेतों में गिर जा रही है।अगर मौसम इस तरह आगे भी रहता है तो किसानों की फसल को ज्यादा नुकसान हो सकता है। अगर बारिश के साथ ओले आदि भी गिरते है तो अब पकी हुई फसल को नुकसान पहुंच सकता है।

हालांकि अभी तक क्षेत्र में इतना नुकसान नहीं हुआ है। परंतु अब आगे यूही मौसम खराब रहता है तो फसल गिरने से पैदावार को नुकसान हो सकता है।

जंगली जानवरों से फसल को नुकसान

वहीं चिंतपूर्णी क्षेत्र में फसल पूरी तरह कटने के लिए तैयार है। किसानों में अशोक कुमार, रोशन लाल, दलजीत सिंह, रमेश कुमार ने बताया की एक तो पहले ही जंगली जानवरों से फसल को बहुत नुकसान हुआ है। दूसरा अब मौसम की मार पड़ रही है।

महंगे बीज लेकर ऊपर से बिजाई का खर्चा ,यह किसानों की कमर तोड़ देती है। इतना खर्चा करने के बाद भी फसल न के बराबर होती है। सरकार द्वारा क्षेत्र के किसानों के लिए इस बारे सोचना चाहिए।

बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी

वर्षा के साथ शुक्रवार सायं आए तूफान ने किसानों की कमर तोड़ दी है। कांगड़ा जिले के निचले क्षेत्रों में अधिकांश लोगों ने गेहूं की फसल काट ली है और वे थ्रेशिंग के इंतजार में थे।

लेकिन तूफान व वर्षा ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मजबूरी में उन्हें गेहूं की फसल के खेतों में ढेर लगाने पड़े हैं। ऊपरी क्षेत्रों में अभी गेहूं की फसल कच्ची है लेकिन तूफान के कारण खेतों में बिछ गई है।

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