हिमाचल: मंदिर जा रहे उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं का वाहन दुर्घटनाग्रस्त, एक महिला की मौत व 13 घायल
कांगड़ा में एक दर्दनाक हादसे में एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई और 13 घायल हो गए। उत्तर प्रदेश से आए ये श्रद्धालु चिंतपूर्णी मंदिर के दर्शन के बाद कांगड़ा जा रहे थे, तभी बनखंडी के पास उनका वाहन पेड़ से टकरा गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मालवाहक में सवार होकर यात्रा करने से यह हादसा हुआ, जिसमें नियमों का उल्लंघन किया गया था।

जिला कांगड़ा के बनखंडी में दुर्घटनाग्रस्त वाहन। जागरण
संवाद सहयोगी, देहरा (कांगड़ा)। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में एक दर्दनाक हादसे में महिला की मौत हो गई व 13 लोग घायल हो गए। रानीताल-मुबारिकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-503 पर बनखंडी के पास यह हादसा हुआ। हादसे में उत्तर प्रदेश की महिला श्रद्धालु की जान चली गई व 13 अन्य लोग घायल हुए हैं।
ये लोग पिकअप वाहन में सवार होकर कांगड़ा की ओर जा रहे थे। इसी बीच बनखंडी में वाहन बेकाबू होकर पेड़ से टकरा गया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
चिंतपूर्णी के दर्शन के बाद कांगड़ा आ रहे थे श्रद्धालु
घटना सुबह करीब छह बजे की है। बताया जा रहा है कि बुलंदशहर के सियाणा तहसील के करीब 15 लोग माता के दर्शन करने हिमाचल आए थे। माता चिंतपूर्णी के दर्शन के बाद ये लोग कांगड़ा के लिए रवाना हुए। इसी बीच बनखंडी के मुख्य बाजार के पास वाहन बेकाबू होकर पेड़ से टकरा गया।
चालक के साथ बैठी महिला की गई जान
हादसे में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की तहसील सियाणा के गांव गजरेड़ा के महिंदर सिंह की पत्नी माया देवी की मौके पर ही मृत्यु हो गई। हादसे के समय वह चालक के साथ वाली सीट पर खिड़की के किनारे बैठी थी। वाहन में सवार अन्य 13 लोगों को मामूली चोट आई हैं। सभी घायलों को सिविल अस्पताल देहरा में पहुंचाया गया।
पुलिस ने पिकअप वाहन को कब्जे में लिया
हादसे की सूचना पुलिस ने वाहन चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर पिकअप ट्राले को कब्जे में ले लिया है। एसपी मयंक चौधरी ने मामले की पुष्टि की है। उनका कहना है कि पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
सैकड़ों किलोमीटर का सफर मालवाहक में
प्रशासन चाहे लाख दावे करे, लेकिन लोग सैकड़ों किलोमीटर दूर से मालवाहकों में सवार होकर हिमाचल पहुंच रहे हैं। मालवाहक में यात्रा न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि जान पर भी बड़ा खतरा बना रहता है। बनखंडी के हादसे का शिकार हुआ वाहन भी मालवाहक ही है।
चालक के साथ एक व्यक्ति सवार हो सकता है पर लदे थे 15
नियम के अनुसार चालक के साथ सिर्फ एक व्यक्ति उसमें सवार हो सकता है, लेकिन इसमें 15 लोग सवार थे। इसके पीछे फट्टे लगाकर एक और मंजिल बनाई गई थी। यह चलन पुराना है।
लकड़ी के फट्टे लगाकर बनाई थी दो मंजिल
पंजाब समेत कई पड़ोसी राज्यों से लोग सस्ते सफर के चक्कर में मालवाहक में सवार होकर यात्रा पर निकल पड़ते हैं। ज्यादा स्पेस बनाने के लिए वाहन की बाडी पर लकड़ी के फट्टे लगाकर एक और मंजिल बना ली जाती है। यानी करीब छह सात लोग ऊपर और इतने ही नीचे दरी बिछाकर बैठ जाते हैं।
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खर्च बचाने के लिए जान जोखिम में
मालवाहक में दो या तीन दिन के लिए करीब 400 किलोमीटर के सफर के लिए 10-12 हजार रुपये वसूले जाते हैं। जबकि 12 सीटर टैक्सी या सवारियो वाले वाहन में यह कीमत करीब 20 हजार से भी ज्यादा पड़ती है। मालवाहक में 15 लोग होने की सूरत में प्रति व्यक्ति खर्च 700 रुपये से भी कम पड़ता है। जबकि यात्री वाहन में यह खर्च 15 सौ से ज्यादा होता है। इस खर्च को बचाने के लिए लोग जान जोखिम में डालकर मालवाहक में सफर करते हैं।

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