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Kangra Lok Sabha Election 2024: कांगड़ा में नहीं चला आनंद शर्मा का दांव, क्या प्रत्याशी की देर से घोषणा बनी कांग्रेस की हार की वजह?

दिन ढलने के साथ ही अब धीरे-धीरे लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने लगे हैं। देश की अलग-अलग सीटों से जीत हासिल करने वाले प्रत्याशियों के नामों का एलान होने लगा है। इसी क्रम में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से कांग्रेस की आनंद शर्मा बाजी हार चुके हैं और भाजपा के डॉ. राजीव भारद्वाज का जीतना लगभग तय हो गया है।

By dinesh katoch Edited By: Harshita Saxena Updated: Tue, 04 Jun 2024 04:51 PM (IST)
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इस वजह से कांगड़ा में उल्टा पड़ा कांग्रेस का दांव
दिनेश कटोच,धर्मशाला। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में पहली बार लोकसभा चुनाव में उतरे कांग्रेस के दिग्गज नेता आनंद शर्मा जीत का आनंद नहीं ले सके। 71 वर्ष की आयु में पहला लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले आनंद शर्मा ने देरी से मिले टिकट के बावजूद कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में 25 दिनों में 76 चुनावी बैठकें कर कांग्रेस की जीत को लेकर कदमताल तो किया, लेकिन उनकी इस मेहनत पर मोदी के विकास की राह ने पानी फेर दिया।

कांगड़ा संसदीय क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में अग्निवीर योजना को युवाओं से खिलवाड़ व इस योजना को कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद बंद किए जाने को अमित शाह ने धूमिल कर बेरोजगार युवा वर्ग का वोट बैंक भी भाजपा के नाम कर लिया।

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काम नहीं आए जनता से किए वादे

आनंद शर्मा ने अपने चुनावी सफर के दाैरान अग्निवीर योजना को बेरोजगारों के साथ मजाक बताते हुए इसे बंद करने, कांगड़ा व चंबा को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने, चंबा में तीन बड़ी सुरंगाें के निर्माण, चंबा की कालीधार में सीमेंट कारखाने का निर्माण, युवाओं को रोजगार सहित प्रदेश कांग्रेस सरकार की सरकारी कर्मियों के लिए ओपीएस, महिलाओं के लिए 1500 रुपए व किसान बागवान के लिए चलाई योजनाओं को अपनी जीत का आधार बनाया था। लेकिन मोदी के विकास व कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस के मंत्रियों व विधायकों की फौज भी उनकी जीत को कहीं भी सुनिश्चित करने में असफल ही साबित हुई।

पिछले उम्मीदवार भी नहीं कर पाए कमाल

आनंद शर्मा से पहले जिस कांग्रेस के नेता को कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के टिकट के सर्वे में अव्वल पाया गया था, वह भी अपनी विधानसभा क्षेत्र में कोई बड़ा वोट दिलाने में कामयाब नहीं हो सके। उल्टे उन्हें धर्मशाला के उपचुनाव का प्रभारी बना दिया गया। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के डॉ. राजीव भारद्वाज की जीत का आधार मोदी सरकार का विकास रहा।

प्रत्याशी की जल्द घोषणा से हुआ भाजपा को लाभ

डॉ. राजीव भारद्वाज को पार्टी ने 30 मार्च को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था और उन्होंने 2 अप्रैल से बैजनाथ से अपना प्रचार शुरु कर दिया था। जबकि आनंद शर्मा को 30 अप्रैल को पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया और उन्होंने 3 मई को धर्मशाला से अपने चुनाव प्रचार को धार देना शुरू किया था।

भले ही दाेनों प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार को लेकर काफी अंतर रहा, तो वहीं चुनाव प्रचार के शुरुआती दौर में आनंद शर्मा के कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के बाहरी होने का शोर भी रहा। आनंद ने अपने बाहरी होने के सवाल पर बखूबी इसका जबाव भी दिया और अपने केंद्रीय मंत्री के कार्यकाल में प्रदेश ही नहीं, बल्कि कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिए किए गए कार्यों का ब्यौरा रखते हुए भविष्य में संसदीय क्षेत्र के विकास की तस्वीर भी बनाई थी।

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