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मौसम की मार: रेल से पठानकोट जाने वालों का लंबा हुआ इंतजार Kangra News

परोला से पठानकोट तक रेल सेवा बहाल होने में अभी लंबा समय लगने वाला है। इसलिए इस ट्रैक से रेल में सफर करने वाले लोगों को करीब एक महीने तक का इंतजार करना होगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Updated: Sat, 31 Aug 2019 04:04 PM (IST)
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मौसम की मार: रेल से पठानकोट जाने वालों का लंबा हुआ इंतजार Kangra News

बैजनाथ, मुनीष सूद। पपरोला से पठानकोट तक रेल सेवा बहाल होने में अभी लंबा समय लगने वाला है। इसलिए इस ट्रैक से रेल में सफर करने वाले लोगों को करीब एक महीने तक का इंतजार करना होगा। इस ट्रैक को बंद हुए एक महीना बीत चुका है। जुलाई तक पांच गाडिय़ां पपरोला से पठानकोट तक अपडाउन कर रही थी। इनमें एक्सप्रेस ट्रेन भी शामिल थी, लेकिन जुलाई के अंतिम सप्ताह में भारी बारिश के चलते त्रिपल और लूणसू के पास ल्हासे गिरने से रेल मार्ग बंद हो गया जिससे रेल यातायात बंद करना पड़ा था।

इस समय पपरोला से सिर्फ तीन गाडिय़ां ही कोपर लाहड़ तक अप-डाउन कर रही हैैं, जबकि पठानकोट से भी गुलेर तक ही गाडिय़ां अप-डाउन कर रही हैं। पपरोला से पहली गाड़ी सुबह 7 बजकर 10 मिनट, दूसरी 9 बजकर 15 मिनट और तीसरी गाड़ी 2 बजकर 10 मिनट पर रवाना होती है। जबकि पपरोला में पहली ट्रेन 12 बजकर 30 मिनट, दूसरी 5 बजकर 45 मिनट और तीसरी ट्रेन 8 बजकर 30 मिनट पर पहुंचती है। रोजाना रेल से यात्रा करने वाले लोगों का कहना है कि त्रिपल और लूणसू के पास ट्रैक बंद होने का यह पहला अवसर नहीं है। पहले भी हर साल यह मार्ग यहीं पर ल्हासे गिरने से महीनों बाधित हो जाता है। पिछले साल भी यह ट्रेक दो महीने से ज्यादा समय बंद रहा था। हर साल इन्ही जगहों पर रेल यातायात बंद रहने से रेलवे की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है।

कांगड़ा घाटी के लोगों को इस ट्रैक से बहुत लाभ है। इस ट्रैक पर सफर रियायती और सुगमतापूर्ण है। ट्रैक बंद होने से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। विभाग को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। -आशीष मिश्रा, स्थानीय निवासी।

अंग्रेजी हकूमत के दौरान बनाए इस ट्रैक को संभाल पाना विभाग के लिए मुश्किल हो रहा है। हर बार यहीं पर रास्ता बंद होता है। विभाग को इसका स्थायी हल निकालना होगा। -दविंद्र गुप्ता।

आजकल तीन गाडिय़ां ही कोपरलाहड़ तक अप-डाउन कर रही हैं। इसके आगे रास्ता बंद है। रास्ते को बहाल करने में अभी समय लग सकता है। -एसएस रावत, स्टेशन मास्टर पपरोला।