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22 से सुनाई देगी कांगड़ा घाटी रेल की छुक-छुक

रक्षपाल धीमान नगरोटा सूरियां मंडल रेलवे फिरोजपुर ने पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक पर चलने व

By JagranEdited By: Updated: Thu, 18 Feb 2021 03:06 AM (IST)
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22 से सुनाई देगी कांगड़ा घाटी रेल की छुक-छुक

रक्षपाल धीमान, नगरोटा सूरियां

मंडल रेलवे फिरोजपुर ने पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक पर चलने वाली रेलगाड़ी का शेड्यूल बना दिया है। अब यह रेलगाड़ी पहली मार्च के बजाए 22 फरवरी से दौड़ना शुरू करेगी। रेल मंत्रालय ने मार्च में होली से पहले तीन और अप व डाउन रेलगाड़ियों के संचालन की योजना तैयार की है। फिलहाल 22 फरवरी से एक रेलगाड़ी पठानकोट से जोगेंद्रनगर तक आवाजाही करेगी।

मंडल रेलवे फिरोजपुर की ओर से जारी समयसारिणी के अनुसार यह रेलगाड़ी 22 फरवरी को सुबह दस बजकर दस मिनट पर पठानकोट से चलेगी और सायं सात बजकर 55 मिनट पर जोगेंद्रनगर पहुंचेगी। यही गाड़ी 23 फरवरी को सुबह सात बजकर पांच मिनट पर जोगेंद्रनगर से चलेगी और सायं पांच बजकर पांच मिनट पर पठानकोट पहुंचेगी। इस रेलगाड़ी को पहली मार्च से चलाने की प्रपोजल तैयार की गई थी और मंडल रेलवे फिरोजपुर को समयसारिणी तैयार करने के निर्देश दिए थे। मंगलवार देर सायं शेड्यूल तैयार कर मंडल रेलवे फिरोजपुर ने 22 फरवरी से ही रेलगाड़ी को चलाने की सिफारिश मंत्रालय को भेजी थी और इसे अब मंजूर कर लिया है।

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अब 22 फरवरी से ही रेलगाड़ी चलाने का फैसला लिया है। मार्च में तीन और रेलगाड़ियां चलाने की योजना है। कोविड-19 को ध्यान में रखकर चरणबद्ध तरीके से ही रेलगाड़ियां बहाल की जाएंगी।

-राजेश अग्रवाल, डीआरएम फिरोजपुर

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पिछले साल 18 मार्च से बंद है रेल सेवा

कांगड़ा घाटी में रेल सेवा पिछले साल 18 मार्च से बंद है और इस कारण लोग परेशानी झेल रहे हैं। अब उम्मीद है कि 22 फरवरी के बाद रेल सेवा बहाल होने के कारण लोगों को लाभ मिलेगा।

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नगरोटा सूरियां रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान चलाकर परिवार का पालन पोषण कर रहा था। पिछले साल मार्च में रेलगाड़ियां बंद होने से बेरोजगार हो गया हूं। दोबारा रेलगाड़ी चलने से उम्मीद जगी है।

-कृष्ण गोपाल

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कॉलेज व आइटीआइ जाने वाले बच्चों का ख्याल रखते हुए कम से कम चार रेलगाड़ियां चलाई जाएं। एक रेलगाड़ी से यात्रियों को कोई भी फायदा नहीं होगा।

अश्विनी गुलेरिया।

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एक ही रेलगाड़ी चलने से पठानकोट जाने वाले यात्रियों को रातभर पठानकोट ही ठहर कर दूसरे दिन के लिए रेलगाड़ी का इंतजार करना पड़ेगा। इससे समय के साथ-साथ पैसे की भी बर्बादी होगी। कम से कम दो रेलगाड़ियां चलाई जानी चाहिए।

-साधु राम राणा

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