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पुस्तक में दर्ज होगा केसीसी बैंक का इतिहास

कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित (केसीसीबी) का सौ वर्ष पुराना इतिहास पुस्तक में दर्ज होगा। वहीं 100वें वर्ष में प्रवेश का विशेष लोगो भी बैंक का जारी किया जाएगा।

By Edited By: Updated: Sun, 04 Aug 2019 09:53 AM (IST)
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पुस्तक में दर्ज होगा केसीसी बैंक का इतिहास

धर्मशाला, जेएनएन। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित (केसीसीबी) का सौ वर्ष पुराना इतिहास पुस्तक में दर्ज होगा। साथ ही 100वें वर्ष में प्रवेश का विशेष लोगो भी बैंक की ओर से जारी किया जाएगा। इसके अलावा उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए योजनाएं भी शुरू होंगी और इसके लिए समारोह होगा व इसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भाग लेंगे। अध्यक्ष डॉ. राजीव भारद्वाज की अध्यक्षता में शनिवार को हुई निदेशक मंडल की बैठक में योजनाओं के शुभारंभ के लिए अंतिम रूप दिया गया। करीब चार घंटे चली बीओडी की बैठक में 100वें एटीएम के शुभारंभ का भी फैसला लिया गया। पुस्तक में बैंक की शुरुआत से लेकर अब तक की परिस्थितियों के अलावा किस-किस समय कौन-कौन अध्यक्ष रहा है, की जानकारी दर्ज होगी।

1920 में 25,000 रुपये से हुई थी बैंक की शुरुआत

वर्ष 1920 में केसीसीबी की शुरुआत 25 हजार रुपये में हुई थी। मौजूदा समय में बैंक 25 हजार करोड़ रुपये का कारोबार पांच जिलों में कर रहा है। बैंक की कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, कुल्लू व लाहुल-स्पीति जिलों में 216 शाखाएं हैं।

मुख्यमंत्री ने दी कार्यक्रम के लिए मंजूरी

पुस्तक विमोचन के लिए होने वाले समारोह के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वीकृति दे दी है। हालांकि अभी तक तारीख तय नहीं है लेकिन इसी माह के दूसरे सप्ताह मुख्यमंत्री धर्मशाला आ सकते हैं।

बीओडी की बैठक में नई योजनाएं

100वें वर्ष में शुरू करने के लिए अंतिम रूप दिया गया है। सौवें वर्ष का विशेष लोगो जारी किए जाने के साथ सौ वर्ष का इतिहास भी पुस्तक में उजागर किया जाएगा। इस बाबत बीओडी की बैठक में चर्चा के बाद निर्णय लिया गया है। पुस्तक विमोचन के लिए होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भाग लेंगे। -डॉ. राजीव भारद्वाज, अध्यक्ष केसीसी बैंक।

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