Landslide In Himachal: जाते जाते हर साल हिमाचल को गहरे जख्म देता है मानसून, अगस्त में हुए ये बड़े हादसे
Landslide In Himachal मानसून जाते जाते हर साल देवभूमि हिमाचल को गहरे जख्म देता आया है। इन हादसों से सियासतदानों व आम लोगों ने कोई सबक नहीं सीखा। ठीक चार साल पहले पठानकोट मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंडी जिले के कोटरोपी में किन्नौर की तरह दर्दनाक हादसा हुआ था।
By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Updated: Wed, 11 Aug 2021 03:48 PM (IST)
हंसराज सैनी, मंडी। Landslide In Himachal, मानसून जाते जाते हर साल देवभूमि हिमाचल को गहरे जख्म देता आया है। इन हादसों से सियासतदानों व आम लोगों ने कोई सबक नहीं सीखा। ठीक चार साल पहले पठानकोट मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंडी जिले के कोटरोपी में किन्नौर की तरह दर्दनाक हादसा हुआ था। दोनों हादसों में बस इतना अंतर है कोटरोपी हादसा रात के अंधेरे में हुआ था, दो बसें मलबे की चपेट में आई थी। किन्नौर में पहाड़ दिन के उजाले में दरका है। एक बस मलबे की चपेट में आई है। किन्नौर में बस चट्टानों में दबी है। कोटरोपी में मलबा इतना था लोग तो दूर की बात वाहन ढूंढना भी पहाड़ जैसी चुनौती था। इससे यहां 49 लोगों की जान चली गई थी।
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एक बस में सवार चालक सहित सभी 42 सवारियों की मौत हो गई थी। मंडी जिले के धर्मपुर में जाते जाते पांच साल पहले बरसात ने खूब कहर बरपाया था। यहां एचआरटीसी के बस स्टैंड में खड़ी कई बसें बह गई थी। करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था। कुल्लू जिले के मणिकर्ण से आ रही बस पर चट्टान गिरने से बस अनियंत्रित होकर पार्वती नदी में गिर गई थी। हादसे में 23 लोगों की मौत हुई थी।
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कुल्लू के गड़सा में बादल फटने से आई बाढ़ में 50 लोगों की मौत भी अगस्त में हुई थी। बल्ह घाटी में अगस्त में ही मानूसन ने कहर बरपाया था। मनाली चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुकेती खड्ड पर बने डडौर पुल की अप्रोच धंस गई थी। बल्ह के ही हटनाला में भूस्खलन की वजह से एक ट्रक खाई में गिर गया था। इससे ट्रक में सवार 45 लोगों की मौत हाे गई थी।
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