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Purnima Vrat: साल की आखिरी पूर्णिमा 7 दिसंबर को, बेहद खास है यह व्रत, राशि अनुसार उपाय से पूरी होगी हर इच्‍छा

Margashirsha Purnima Vrat 2022 इस साल का अंतिम मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत इस बार 7 दिसंबर को होगा। सनातन धर्म एवं हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व है। यह माह भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय माह माना जाता है।

By munish ghariyaEdited By: Rajesh Kumar SharmaUpdated: Sun, 27 Nov 2022 07:20 AM (IST)
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वर्ष 2022 का अंतिम मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत इस बार 7 दिसंबर को होगा।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Margashirsha Purnima Vrat 2022, वर्ष 2022 का अंतिम मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत इस बार 7 दिसंबर को होगा। सनातन धर्म एवं हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व है। यह माह भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय माह माना जाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा काे भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने और व्रत रखने से परेशानियों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति पूरे विश्वास और श्रद्धा से इस व्रत को करता है तो वह इसी जन्म में मोक्ष प्राप्ति कर सकता है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूर्णत्व की स्थिति में होता है। वहीं मार्गशीर्ष पूर्णिमा मोक्षदायिनी पूर्णिमा कहलाती है।

सुबह आठ बजे शुरू होगी पूर्णिमा

जवाली निवासी पंड़ित विपिन शर्मा ने बताया कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा 7 दिसंबर को है। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत सुबह 08 बजकर 01 मिनट पर होगी और अगले दिन 08 दिसंबर 2022 को सुबह 09 बजकर 37 मिनट पर इसका समापन होगा।

इस तरह करें व्रत और पूजा

उन्होंने बताया इस दिन सुबह उठकर भगवान का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें और स्नान के बाद सफेद वस्त्र धारण करें। इसके बाद श्री हरि को आसन, गंध और पुष्प आदि अर्पित करें। पूजा स्थल पर वेदी बनाएं और हवन के लिए उसमे अग्नि जलाएं। इसके बाद हवन में तेल, घी और बूरा आदि की आहुति दें। हवन समाप्त होने पर सच्चे मन से भगवान का ध्यान करें। व्रत के दूसरे दिन गरीब लोगों या ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और उन्हें दान-दक्षिणा दें।

इन राशियों वाले लोग ये करें

  • मेष : मेष राशि के जातक मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर लक्ष्मी-नारायण की पूजा के बाद जरूरतमंदों को गुड़ और लाल रंग के वस्त्रों का दान करें। कहते हैं इससे आर्थिक तंगी दूर होगी।
  • वृषभ : वृषभ राशि के लोग शत्रु बाधा से मुक्ति पाने के लिए इस दिन विष्णु जी के 12 नाम (अच्युत, अनंत, दामोदर, केशव, नारायण, श्रीधर, गोविंद, माधव, हृषिकेष, त्रिविकरम, पद्मानाभ और मधुसूदन) लेते हुए उन्हें एक-एक कर पीले फूल अर्पित करें।
  • मिथुन : गीता का पाठ करने से मिथुन राशि वालों के तरक्की के मार्ग खुलेंगे।
  • कर्क : इस दिन मां लक्ष्मी को 11 बार अक्षत का एक-एक दाना अर्पित करें।
  • सिंह : माता भगवती को लाल चंदन चढ़ाएं और फिर इसे स्वयं प्रसाद के रूप में अपने माथे पर तिलक करें, इससे रुका धन वापस प्राप्त होगा।
  • कन्या : कन्या राशि के लोग इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को वैजयंती माला अर्पित करें।
  • तुला : हल्दी में थोड़ा सा पानी मिलाकर घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। भगवान विष्णु का आह्वान करें।
  • वृश्चिक : वृश्चिक राशि के लोग इस दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक करते हुए 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का विधि पूर्वक 108 बार जप करें, इससे मां लक्ष्मी का वास होता है।
  • धनु : धनु राशि के लोग मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर पक्षियों को गेहूं के दाने खिलाएं, इससे व्यापार-नौकरी में आ रही बाधा दूर होगी।
  • मकर : मकर राशि के जातक को इस दिन गरीबों में अन्न और कंबल बांटने चाहिएं, साथ इससे मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं, घर में बरकत बनी रहती है।
  • कुंभ : मानसिक विकारों से मुक्ति पाने के लिए कुंभ राशि के जातक इस दिन रात को चन्द्रमा की रोशनी में बैठकर 'ओम सोमाय नमः' मंत्र का 11 बार जाप करें और दूध से चंद्र देव को अर्घ्य दें।
  • मीन : मीन राशि के लोग श्रीहरि को पूजा में नारियल जरूर अर्पित करें।
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