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पहले जन्म अब पुनर्जन्म! मां ने बेटी और पिता ने बेटे को किडनी देकर दी नई जिंदगी; इस परिवार की दास्तां सुन आंखें हो जाएंगी नम

Himachal News माता-पिता ने अपने बच्चों को पहले जन्म दिया अब मां ने बेटी और पिता ने बेटे को किडनी देकर पुनर्जन्म दिया है। बेटे और बेटी की किडनी खराब हो गया था। दो साल से डायलिसिस चल रहा था। टांडा मेडिकल कालेज में किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। 24 वर्षीय युवती को 52 वर्षीय उसकी माता व 29 वर्षीय युवक को 62 वर्षीय उसके पिता ने किडनी दी है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 23 Jun 2024 02:05 PM (IST)
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माता-पिता ने बेटा-बेटी की बचाई ऐसी जान।
जागरण संवाददाता, टांडा (कांगड़ा)। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा में किडनी ट्रांसप्लांट के 18 जून को हुए सफल आपरेशन में मां ने बेटी और पिता ने बेटे को किडनी दान देकर नया जीवन दिया। दोनों डोनर को छुट्टी मिल गई है।

युवक व युवती जिनको किडनी डाली गई है, भी स्वस्थ हैं उन्हें सोमवार तक डिस्चार्ज किया जा सकता है। टांडा मेडिकल कालेज में पहला लाइव रिलेटिव किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए सरकार ने किडनी ट्रांसप्लांट व नेफ्रोलाजी विभाग के विशेषज्ञों, नर्सिंग, सहायक स्टाफ, प्राचार्य व चिकित्सा अधीक्षक की पीठ थपथपाई है। 

क्या बोले डॉक्टर

पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली व टांडा मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. मिलाप शर्मा ने शनिवार को टांडा में पत्रकारों से बातचीत में किडनी ट्रांसप्लांट के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। हिमाचल में किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला टांडा मेडिकल कालेज इस समय प्रदेश का इकलौता संस्थान हैं। आइजीएमसी में अभी किडनी ट्रांसप्लांट के आपरेशन बंद हैं और एम्स बिलासपुर में अभी यह सुविधा शुरू नहीं हो पाई है।

62 वर्षीय पिता ने दी किडनी

टांडा मेडिकल कालेज में 18 जून को किए गए किडनी ट्रांसप्लांट आपरेशन में 24 वर्षीय युवती को 52 वर्षीय उसकी माता व 29 वर्षीय युवक को 62 वर्षीय उसके पिता ने किडनी दी। युवती दो साल व युवक एक साल से डायलिसिस पर था। दोनों कांगड़ा जिले के रहने वाले और गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। दोनों आपरेशन पीजीआइ चंडीगढ़ के किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशीष शर्मा व उनकी टीम की निगरानी में किए गए।

सेवा करने का मिला मौका

टांडा मेडिकल कालेज में 30 रोगियों ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पंजीकरण करवाया है। किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के विशेषज्ञ डा. अमित शर्मा ने शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया का विशेष आभार जताया। उन्होंने कहा कि केवल सिंह पठानिया के कारण ही वह टांडा में हैं और आज यहां के लोगों की सेवा करने का मौका मिला है। पत्रकार वार्ता में टांडा मेडिकल कालेज के अतिरिक्त निदेशक मेजर डॉ. अवनिंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक डा. अशोक वर्मा, डा. धीरज कपूर, डा. अमित जोशी व डा. संजीव, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ टांडा के अध्यक्ष राजीव राणा व अन्य उपस्थित रहे।

इस योजना के तहत हुआ आपरेशन

युवती का आपरेशन केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत व युवक का हिमाचल सरकार की हिमकेयर योजना के तहत किया गया। प्रति आपरेशन 1.96 लाख रुपये खर्च आया। दोनों रोगियों को एक साल तक निश्शुल्क दवाएं भी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत मुहैया करवाई जाएंगी।

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दो रोगियों के किडनी ट्रांसप्लांट आपरेशन कर टांडा मेडिकल कालेज ने मीलपत्थर स्थापित किया है। इसके लिए प्राचार्य, चिकित्सा अधीक्षक, आपरेशन में शामिल समस्त विशेषज्ञों, स्टाफ को बधाई। सरकार ने इस कार्य में हरसंभव सहयोग किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं फीडबैक लेते रहे। उनके नेतृत्व में यह संभव हो पाया है। अब रोगियों को एम्स नई दिल्ली व पीजीआइ चंडीगढ़ के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

-आरएस बाली, अध्यक्ष पर्यटन विकास निगम (कैबिनेट रैंक)।

किडनी ट्रांसप्लांट विभाग, नेफ्रोलाजी व एनेस्थीसिया विभाग की टीम ने पीजीआइ चंडीगढ़ के किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के डा. आशीष शर्मा की निगरानी में दो रोगियों के किडनी ट्रांसप्लांट का आपरेशन कर उपलब्धि हासिल की है। इसमें सहयोग के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) आरएस बाली का पूरा सहयोग मिला। दोनों रोगी स्वस्थ हैं, उन्हें जल्द अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

-डा. मिलाप शर्मा, प्राचार्य टांडा मेडिकल कालेज।

तीन विभागों की टीमों का आपरेशन में सहयोग

दोनों किडनी रोगियों का आपरेशन मेडिकल कालेज के तीन विभागों की टीमों ने मिलकर किया। इनमें किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के विशेषज्ञ डा. अमित शर्मा, नेफ्रोलाजी विभाग के विशेषज्ञ डा. अभिनव राणा, एनेस्थीसिया विभाग से डा. शैली राणा (एचओडी), डा. भारती गुप्ता, डा. वर्षा वर्मा, नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट निर्मल व उनकी टीम, किडनी ट्रांसप्लांट समन्वयक, आपरेशन थियेटर असिस्टेंट, ओटी व आइसीयू नर्सिंग स्टाफ शामिल रहा।

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