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पहाड़ की बिच्छु बूटी करेगी कोरोना संक्रमण से बचाव, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी व जेब भी भरेगी

Himachal Bichu buti सड़कों गलियों व पहाड़ों आदि पर उगी बिच्छु बूटी यानी कूगस कोरोना संक्रमण से बचाव में मददगार है। साथ ही इसे बेचकर लोग अपनी जेब भी भर सकते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर इस बूटी के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

By Rajesh SharmaEdited By: Updated: Sun, 13 Dec 2020 08:40 AM (IST)
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पहाड़ी राज्‍य हिमाचल की बिच्छु बूटी यानी कूगस कोरोना संक्रमण से बचाव में मददगार है।

मंडी/कांगड़ा, जेएनएन। Himachal Bichu buti, सड़कों, गलियों व पहाड़ों आदि पर उगी बिच्छु बूटी यानी कूगस कोरोना संक्रमण से बचाव में मददगार है। साथ ही इसे बेचकर लोग अपनी जेब भी भर सकते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर इस बूटी के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह वजन घटाने, पत्थरी व खून साफ करती है। वल्लभ महाविद्यालय मंडी की बॉटनी की प्रोफेसर तारा सेन ठाकुर बताती हैं कि बिच्छु बूटी यानी कूगस को हम अनदेखा कर देते हैं। कूगस, कूगसी और बिच्‍छू बूटी नाम के तीन पौधे हैं। वैज्ञानिक तौर पर तीनों अलग-अलग वनस्पति नामों अर्टिका डिओइका, उर्विका परविफ्लोरा और गिरार्डियाना डायीवेर्सिफोलिया से पहचाने जाते हैं। इनमें से अर्टिका डिओइका और अर्टिका परविफ्लोरा को कुछ स्थानों पर खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक बारहमासी जड़ी बूटी है।

पारंपरिक रूप से कूगस को साग, चटनी, कचरू या सोसरू के रूप में पकाया जाता हैं। इसकी तासीर गरम होने के कारण यह सर्दियों में शरीर को गरम रखती है। इसको काढ़े के रूप में पीलिया, गठिया, ब्लड प्रैशर, शुगर, बुखार आदि के इलाज में सहायक है। इसका उपयोग किडनी स्टोन, यूटीआई और प्रोस्टरेट वृद्धि को ठीक करने में कारगर है। कूगस में एंटिऑक्सीडेंट प्रचूर मात्रा में होते हैं, जो हमारे शरीर की कोशिकाओं को युवा रखते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जो कोरोना से लडऩे में मददगार है।

यह हैं बिच्छु बूटी के गुण

ताजी पत्तियों में लगभग 82.4 प्रतिशत पानी, 17.6 प्रतिशत ड्राई मैटर, 5.5 प्रतिशत प्रोटीन, 0.7 से 3.3 प्रतिशत वसा और 7.1 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट होते हैं। इसमें विटामिन ए, खनिज पदार्थ और ट्रेस तत्व मिलते हैं।

इस तरह करें इस्तेमाल

कूगस का साग बनाने के लिए इसके नरम होने तक चावल या मक्की के आटे के साथ उबाले और मिक्सर में मैश करें। फिर गर्म सरसों के तेल में स्वादानुसार मसाले डालकर तड़का लगाएं। मैश की हुई कूगस पनीर के साथ पालक पनीर की भांति कूगस पनीर के रूप में पकाई जा सकती हैं। इसकी चटनी भी बनाई जा सकती है।

कूगस सूप बनाने की विधि

हरी सब्जियों, कूगस और एक आलू को नर्म होने तक उबालें और ठंडा होने पर मिक्सी मैं उबले हुए पानी के साथ पीसें। अब गरम पैन में थोड़ा सा माखन डाल कर पीसी हुई सब्जियां और कूगस मिला लें तथा इसमें नींबू का रस, पीसी हुई काली मिर्च, लाल मिर्च और नमक स्वादानुसार मिला कर कुछ देर उबालें और परोसें। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर रहता है।

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