'कब्जा कर बनाई मस्जिद में नमाज पढ़ना सही नहीं', मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक ने ऐसा क्यों कहा?
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हिंदुओं और मुस्लिमों को एक-दूसरे के जज्बातों का सम्मान करना चाहिए। हिंदू-मुस्लिम धर्म अलग हैं लेकिन हम सब भारतीय हैं। उन्होंने शिमला और मंडी में मस्जिद विवाद (Mandi Masjid Controversy) पर कहा कि संविधान से ऊपर कोई नहीं है। इस्लाम में कब्जा कर बनाई मस्जिद में नमाज पढ़ना सही नहीं है।
संवाद सहयोगी, धर्मशाला। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल ने कहा है कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हिंदुओं और मुस्लिमों को एक-दूसरे के जज्बातों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने शिमला और मंडी में मस्जिद विवाद पर कहा कि संविधान से ऊपर कोई नहीं है। इस्लाम में कब्जा कर बनाई मस्जिद में नमाज पढ़ना सही नहीं है। कानून को ऊपर रखकर सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देना हमारा उद्देश्य है।
सड़क पर हम सब भारतीय हैं- मोहम्मद अफजाल
मोहम्मद अफजाल ने बुधवार को धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिस उद्देश्य के लिए वक्फ एक्ट बनाया गया था, उस पर आज तक काम नहीं हुआ। वक्फ बोर्ड में चुनाव का प्रावधान होना चाहिए और चुनाव लड़ने वाला पहले सदस्यता ले। इसमें सभी धर्मों के लोगों को सदस्य बनाया जाना चाहिए। हिंदू-मुस्लिम धर्म अलग हैं, लेकिन सड़क पर हम सब भारतीय हैं।
'वक्फ एक्ट ने किसी को लाभ पहुंचाने का काम नहीं किया'
उन्होंने कहा कि वक्फ एक्ट गरीब, विधवा, तलाकशुदा की मदद के लिए बनाया गया था, लेकिन आज तक वक्फ एक्ट ने किसी को लाभ पहुंचाने का काम नहीं किया। देश में सेना और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे ज्यादा जमीन है, लेकिन आज तक बोर्ड ने किसी की मदद नहीं की। सनातनी समाज अपने धर्म के साथ मजारों पर भी विश्वास रखता है।यह भी पढ़ें- दिवाली पर घर जाने वालों के लिए खुशखबरी, हिमाचल पथ परिवहन निगम चलाएगा अतिरिक्त बसें
वक्फ बोर्ड में हिंदू को सदस्य बनाने की मांग की
दरगाह के लिए हिंदू भूमि दान देते हैं। हिंदू यदि वक्फ के लिए भूमि दान दे सकते हैं तो वक्फ बोर्ड में हिंदू को सदस्य भी बनाया जाना चाहिए। महिलाओं की इसमें भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके लिए चुनाव होना चाहिए और चुनाव से पहले कम से कम 500 रुपये सदस्यता शुल्क लिया जाए।मोहम्मद अफजाल ने कहा कि वर्ष 2014 से केंद्र सरकार ने किसी एक समाज को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि सर्वसमाज को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई हैं। आज विश्व के शक्तिशाली देशों में भारत का भी नाम शामिल हुआ है।
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