Himachal News: हिमाचल कई जिलों में रोज लोग हो रहे साइबर क्राइम का शिकार, टेलीग्राम के जरिए होती है ठगी; खुद को ऐसे बचाएं
इस साल मार्च माह से अब तक थाने में छोटी बड़ी करीब 3500 शिकायतें आ चुकी हैं। इसमें से 25 शिकायतें ऐसी हैं जिनमें लोगों के साथ पांच लाख रुपये से अधिक की ठगी हुई है। बड़ी बात यह है कि जितने भी लोग ठगी के शिकार हुए हैं उनके एक भी व्यक्ति अशिक्षित नहीं है बल्कि पढ़े लिखे लोग ही ठगी का शिकार हो रहे हैं।
By munish ghariyaEdited By: Jeet KumarUpdated: Sun, 26 Nov 2023 04:00 AM (IST)
मुनीष गारिया, धर्मशाला। मोबाइल फोन ने दुनिया को जितना सुविधाजनक कर दिया है, उतनी ही लोगों का जीना मुश्किल भी कर दिया है। साइबर क्राइम वाली इस दुनिया में मोबाइल फोन का सही इस्तेमाल आसान नहीं है। यहां छोटी सी गलती अपनी जीवन की जमापूंजी खाली कर सकती है। यह केवल बात नहीं है, बल्कि वास्तविकता में ऐसा हो रहा है।
मोबाइल फोन के सावधानीपूर्वक इस्तेमाल न करने के कारण जिला कांगड़ा, चंबा व ऊना के कई लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। तीनों जिलों के लिए स्थापित किए गए साइबर थाना धर्मशाला में रोजाना 15 से 16 साइबर ठगी के मामले आ रहे हैं। इसमें आठ से 10 शिकायतें जिला कांगड़ा के लोगों की होती हैं।
पढ़े लिखे लोग ही ठगी का शिकार हो रहे हैं
इस साल मार्च माह से अब तक थाने में छोटी बड़ी करीब 3500 शिकायतें आ चुकी हैं। इसमें से 25 शिकायतें ऐसी हैं, जिनमें लोगों के साथ पांच लाख रुपये से अधिक की ठगी हुई है। पिछले साल जिला कांगड़ा में साइबर ठगी के केवल 150 मामले थे। बड़ी बात यह है कि जितने भी लोग ठगी के शिकार हुए हैं, उनके एक भी व्यक्ति अशिक्षित नहीं है, बल्कि पढ़े लिखे लोग ही ठगी का शिकार हो रहे हैं।साइबर ठग ले रहे टेलीग्राम का सहारा
मोबाइल फोन का एप टेलीग्राम को साइबर ठगों ने आधार बना लिया है। हालांकि इस एप को मुख्य रूप से युवा वर्ग आनलाइन क्लासें एवं पढ़ाई करने के लिए उपयोग करते हैं, लेकिन ठग इसी एप के लोगों को विभिन्न माध्यमों से पैसा कमाकर अमीर बनने का लालच देते हैं और ठगी कर रहे हैं।
टेलीग्राम से ऐसे होती है ठगी
इंटरनेट मीडिया पर ठगों की ओर से लानलाइन पैसा कमाने का विज्ञापन दिए जाते हैं। इन विज्ञापनों में टेलीग्राम एप का लिंक भी दिया जाता है। उनके पर क्लिक करते हुए टेलीग्राम पर व्यक्ति से उसका नाम, आयु और व्यवसाय पूछा जाता है। इसके साथ ही पंजीकरण के लिए मोबाइल नंबर भी लिया जाता है। पंजीकरण होने के बाद 100 रुपये का निवेश करवाया जाता है और एक यूजर आइडी और पासवर्ड दिया जाता है।उसके आधे घंटे के बाद 200 रुपये वापस किया जाता है। इसके बाद 500 रुपये का निवेश करवाकर 850 रुपये दिए देने की दावा किया जाता है। जैसे ही यह निवेश किया जाता है तो उसके आपके अकाउंट में पैसा तो दिखाई देता है, लेकिन निकासी के लिए कम से कम तीन अन्य टास्क एवं निवेश करने की शर्त लगा दी जाती है। इसी के चक्कर में लोगों को ठगा जाता है।
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