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PM Awas Gramin Yojana की आड़ में सरकार को चूना, योजना का लाभ पहले ही उठा चुके लोग फिर भी सूची में नाम शामिल; आखिर कैसे?

PM Awas Gramin Yojana प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत 25 मकानों को मंजूरी मिली। लेकिन जो परिवार इस सूची में हैं उनमें से ज्यादातर लोग पहले ही योजना का फायदा उठा चुके हैं। भरमाड़ पंचायत के वार्ड दस के सदस्य विद्या सागर और अरुण कुमार ने जारी एक बयान में कहा जो लोग स्कीम का फायदा उठा चुके हैं वे...

By rajinder dogra Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 22 Feb 2024 04:35 PM (IST)
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PM Awas Gramin Yojana की आड़ में सरकार को चूना, योजना का लाभ पहले ही उठा चुके लोग

संवाद सूत्र, भरमाड़।  फतेहपुर ब्लॉक की भरमाड़ पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 25 मकान स्वीकृत हुए हैं, लेकिन जो परिवार इस सूची में हैं, उनमें से ज्यादातर पहले ही योजना का लाभ ले चुके हैं। भरमाड़ पंचायत के वार्ड दस के सदस्य विद्या सागर और अरुण कुमार ने जारी बयान में कहा कि जो लोग पहले ही योजना का लाभ ले चुके हैं, उन्हें दोबारा सूची में डाल दिया गया, जो सरासर गलत है।

पंचायत में सिर्फ दो मकान गिरने की कगार पर

इसकी शिकायत उन्होंने लिखित तौर पर बीडीओ फतेहपुर में एक महीने पहले की थी। शिकायत के बाद बीडीओ कार्यालय से कुछ कर्मचारियों ने भरमाड़ पंचायत में आकर जांच की थी, लेकिन अभी तक कोई भी जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि भरमाड़ पंचायत में बरसात के मौसम में न तो कोई मकान गिरा और न ही कहीं बाढ़ आई। पंचायत में सिर्फ दो मकान गिरने के कगार पर थे, लेकिन उनमें एक को सूची में डाला गया, जबकि दूसरे को सूची से बाहर रखा गया।

लगभग 25 मकान हैं क्षत्रिग्रस्त

उन्होंने इस मामले पर प्रधान और बीडीओ कार्यालय फतेहपुर के कर्मचारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि बिना मौका देखे ही सूची बना दी गई। उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रधान की माता का नाम भी सूची में है। यही नहीं कुछ नाम ऐसे हैं, जिनके पास जमीन भी नहीं है। उन्होंने कहा कि पंचायत में कोई भी खड्ड नहीं है। एक खड्ड (मंजूही) जो कि पंचायत कंदोर, जबकि दूसरी खड्ड (बूहल) जो कि सिद्धपुरघाड़ पंचायत में आती है, लेकिन सबसे ज्यादा बाढ़ भरमाड़ पंचायत आई है, जिससे लगभग 25 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

सरकार को लाखों रुपए का लगाया चूना

जब यह सूची आई तब लोगों को पता चला कि किस-किस के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। आखिरकार गिरे हुए मकानों के छायाचित्र किसने खींचे और कहां से लगाए गए हैं। हालांकि पंचायत के सदस्यों को भी इसकी जानकारी नहीं है। एक तो सरकार वित्तीय संकट से गुजर रही है, वहीं, प्रधान वोट बैंक के लिए चहेतों के नाम डालकर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाया है।

मकानों की सूची की शिकायत लोगों ने बीडीओ फतेहपुर को दी

विभागीय जानकारी के अनुसार आपदा के तहत प्रत्येक सदस्य को एक लाख, साठ हजार रुपये देने हैं। भरमाड़ पंचायत में कोई भी मकान नहीं गिरा है तो सवाल पैदा हो रहा है कि 25 मकान कैसे स्वीकृत हुए। अगर खंड कार्यालय फतेहपुर एक सप्ताह के अंदर कोई भी जांच नहीं करता है तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

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इसके साथ ही इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, पंचायतराज मंत्री और उपायुक्त को दी जाएगी। इस संबंध में पंचायत सचिव रविंद्र गुलेरिया के मुताबिक मकानों की सूची की शिकायत लोगों ने बीडीओ फतेहपुर को की थी।

सूची में अधिकतर मकान पक्के हैं

जांच करने आए खंड कार्यालय फतेहपुर के कर्मियों ने सभी घरों का निरीक्षण कर लिया है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट खंड कार्यालय से आ जाएगी। वहीं, बीडीओ फतेहपुर सुरेंद्र जेतली के अनुसार भरमाड़ पंचायत के लोगों ने शिकायत की थी इस सूची में ज्यादातर मकान पक्के हैं।

कार्यालय से कर्मचारी जांच के लिए गए थे, जांच जारी है। क्या सही, क्या गलत है निष्पक्ष जांच की जाएगी। पंचायत प्रधान सुशील कुमार के मुताबिक भारी वर्षा के कारण लोगों के घरों में पानी घुस गया था और मकान रहने के लायक नहीं थे। उन्होंने स्वयं मौका देखकर सूची तैयार कर दी और 25 मकानों की सूची स्वीकृत होकर आ चुकी है।

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