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राजन सुशांत ने दोबारा की AAP में वापसी, मंडी में मनीष सिसोदिया के सामने ग्रहण की सदस्यता

Rajan Sushant in AAP पूर्व सांसद एवं मंत्री राजन सुशांत ने आप (आम आदमी पार्टी) में दोबारा वापसी कर ली है। शुक्रवार को उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की उपस्थिति में मंडी के संस्कृति सदन में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

By Virender KumarEdited By: Updated: Fri, 09 Sep 2022 09:02 PM (IST)
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मंडी में मनीष सिसोदिया के समक्ष AAP की सदस्‍यता ग्रहण करते राजन सुशांत।
मंडी, जागरण संवाददाता। Rajan Sushant in AAP, पूर्व सांसद एवं मंत्री राजन सुशांत ने आप (आम आदमी पार्टी) में दोबारा वापसी कर ली है। शुक्रवार को उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की उपस्थिति में मंडी के संस्कृति सदन में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इससे पहले वह आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक रहे हैं।

पार्टी नेताओं के साथ मतभेद के चलते उन्होंने आप से किनारा कर 'हमारी पार्टी हिमाचल पार्टी' का गठन किया था। सुशांत की वापसी से कांगड़ा जिला में पार्टी को एक बड़ा नेता मिल गया है। सुंशात के अलावा लोअर रिवालसर पंचायत के पूर्व प्रधान पदम सिंह भाटिया सहित कई पार्षदों व पंचायत प्रतिनिधियों ने आप की सदस्यता ग्रहण की है। करीब 200 लोग आप में शामिल हुए हैं।

पतलीकूहल में एसीसी-हिम इकोब्रिक्स का प्लांट ग्रीन बिल्डिंग सेंटर शुरू

भाषा, कला-संस्कृति व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि कुल्लू में ही कई लाख ईंटों की प्रतिदिन खपत होती है। इसके लिए क्षेत्र के लोग बाहरी राज्यों की पारंपरिक लाल ईंटों पर निर्भर रहते हैं। लाल ईंट के भट्ठों की ईंट महंगी होती हैं। वह शुक्रवार को पतलीकूहल में एसीसी-हिम इकोब्रिक्स के नए प्लांट ग्रीन बिल्डिंग सेंटर का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस व्यवसाय के अनियंत्रित, अनियमित होने के कारण सरकार को भी टैक्स का कोई विशेष लाभ नहीं होता। ये जिस मिट्टी से बनती है वह उपजाऊ मिट्टी होने से कृषि भूमि की कमी होती है, जोकि भविष्य के लिए एक और खतरा है। ईंट भट्ठे से प्रदूषण भी होता है और इनकी गुणवत्ता भी बहुत बढिय़ा नहीं होती है, जिनके परिवहन के दौरान भी प्रदूषण होता है।

हिम इकोब्रिक्स में पर्यावरण मित्र तकनीक का प्रयोग होता है, जिससे कि ईंट ज्यादा गुणवत्ता की बनती है, इसकी लागत भी बहुत कम रहती है। इसको निर्माण के लिए आधुनिक तकनीक के प्लांट का प्रयोग किया जाता है। इससे प्रदूषण भी नहीं होता। बजरी, रेत, ओपीसी सीमेंट के मिश्रण से इन ईंटों का निर्माण किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के नए एवं पर्यावरण मित्र उद्योगों से यहां के स्थानीय युवाओं को भी रोजगार मिलेगा। साथ यहां की ईंटों की मांग भी पूरी होगी, जिससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ होता है। एसीसी-हिम इकोब्रिक्स के संस्थापक -मालिक अनिल सकलानी ने मुख्यातिथि स्वागत संबोधन करते हुए इस औद्योगिक इकाई के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर एसीसी के जीबीसी आल इंडिया हेड दानिश राशिद सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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