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'विशेषज्ञों की राय से विकसित होंगे अनछुए पर्यटन स्थल', दैनिक जागरण से खास बातचीत में बोले कांगड़ा सांसद राजीव भारद्वाज

Rajiv Bhardwaj Interview हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से भाजपा के लोकसभा सदस्‍य डॉ. राजीव भारद्वाज ने अनछुए पर्यटन स्‍थलों को विकसित करने की बात कही है। दैनिक जागरण को दिए इंटरव्‍यू में राजीव भारद्वाज ने कांगड़ा जिले के विकास को लेकर कई बातें की हैं। उन्‍होंने कहा कि गगल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डा विस्तार को लेकर जनभावनाओं का सम्मान रखा जाएगा।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Mon, 08 Jul 2024 09:58 AM (IST)
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कांगड़ा लोकसभा सदस्‍य राजीव भारद्वाज ने दैनिक जागरण से की विशेष बातचीत

दिनेश कटोच, कांगड़ा। Rajiv Bhardwaj Interview: कांगड़ा से लोकसभा सदस्य डॉ. राजीव भारद्वाज ने हिमाचल में पर्यटन स्‍थलों को विकसित करने की बात कही है। उन्‍होंने कहा कि पर्यटन की संभावनाओं के विस्तार को लेकर पर्यावरणविदों व पर्यटन विशेषज्ञों की राय के बाद इस दिशा में काम किया जाएगा। अनछुए पर्यटन स्थलों में कनेक्टीविटी बढ़ाकर विकास किया जाएगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) के मुद्दे पर जल्द को सरकार से उठाकर समाधान करवाया जाएगा। गगल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डा विस्तार को लेकर जनभावनाओं का सम्मान रखा जाएगा।

बेरोजगारों को स्वरोजगार के माध्यम से रोजगार देने के लिए निचले क्षेत्र में छोटी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इसके साथ पौंग बांध विस्थापितों के कमेटी सदस्यों से बातचीत के बाद राजस्थान सरकार के समक्ष यह मामला उठाना भी उनकी प्राथमिकताओं में रहेगा। उनके हक के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी। यह कहना है कांगड़ा से लोकसभा सदस्य डॉ. राजीव भारद्वाज का। दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता दिनेश कटोच ने लोकसभा सदस्य डॉ. राजीव भारद्वाज से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश।

सांसद बनने के बाद पहली प्राथमिकता क्या है?

संसदीय क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। धौलाधार रेंज में ऐसे कई क्षेत्र हैं जो अभी पर्यटन की दृष्टि से अछूते हैं। इन्हें विकसित किया जाएगा। इसके लिए पर्यावरणविदों और पर्यटन विशेषज्ञों की राय ली जाएगी। इसके बाद ही पर्यटन पर योजनाएं प्रस्तावित होंगी। पर्यटकों को यहां आकर्षित करने व युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने में पर्यटन अहम भूमिका निभाएगा।

सीयू पर राजनीति हावी रही है। सांसद बनने के बाद आपका क्या रुख रहेगा?

(गंभीर होते हुए) केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) के मुद्दे पर हमेशा राजनीति हावी रही है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में धर्मशाला के जदरांगल में प्रस्तावित निर्माण कार्य को लेकर पर्यावरण व वन मंत्रालय से स्वीकृति दिलवाई थी। केंद्र सरकार ने अपने हिस्से के 250 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने हिस्से के 30 करोड़ रुपये जमा नहीं करवा पाई है। भाजपा सीयू का पक्ष केंद्र में मजबूती से रखेगी।

गगल हवाई अड्डा विस्तार के बारे में आपकी क्या राय है?

कोई भी विकास कार्य जनभावनाओं को ध्यान में रखकर किया जाता है। गगल हवाई अड्डे के विस्तार का मामला संवेदनशील है। यहां के प्रभावितों की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए। चुनाव के दौरान प्रभावित क्षेत्र के लोगों के साथ मिला था और उन्हें आश्वस्त किया है कि कोई भी कदम उठाने से पहले यहां के लोगों की भावनाओं का सम्मान व ध्यान रखा जाएगा। उनके हितों पर आंच नहीं आने देंगे।

चुनाव में पार्टी व संगठन के सहयोग के साथ क्या रणनीति रही?

पहले तो विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद, जिन्होंने मुझ जैसे छोटे कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाकर विश्वास जताया। प्रदेश के वरिष्ठ नेतृत्व में शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल, अनुराग ठाकुर, डा. राजीव बिंदल व जयराम ठाकुर का भी आभार। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के कार्यकर्ता बूथ स्तर तक मेरी जीत के लिए दिन-रात जुटे रहे। मोदी की जनकल्याणकारी नीतियों के साथ सोची-समझी रणनीति के साथ सभी के सहयोग से चुनाव लड़ा और जीता। संसदीय क्षेत्र की जनता का भी आभारी हूं।

बेरोजगारों के लिए क्या योजनाएं हैं?

देखिए, आज बेरोजगारी की समस्या गंभीर है, लेकिन युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए भाजपा की वचनबद्धता है। निश्चित तौर पर इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे। युवाओं के लिए स्वरोजगार के साधन पैदा किए जाएंगे। संसदीय क्षेत्र के निचले क्षेत्रों में छोटी-छोटी औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने पर काम होगा। इसके अतिरिक्त पर्यटन के माध्यम से भी रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे।

चंबा जिले के लिए क्या विशेष योजनाएं रहेंगी?

जिला चंबा के लिए विशेष योजनाएं तैयार होंगी। चंबा का डलहौजी व खजियार तो पहले ही पर्यटन को लेकर प्रसिद्ध हैं, लेकिन यहां के अनछुए पर्यटन स्थलों की पहचान कर विकसित किया जाएगा। जो वादे चंबा के लोगों से किए हैं उन्हें केंद्र सरकार के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।

पौंग बांध विस्थापितों की समस्याओं का कैसे हल करवाएंगे?

वर्षों से पौंग बांध विस्थापितों को उनका हक नहीं मिल पाया है। पहले पौंग बांध विस्थापितों की कमेटियों के सदस्यों से बैठक कर उनकी मूल समस्या को लेकर बात होगी। उसके बाद केंद्र सरकार के माध्यम से राजस्थान सरकार के समक्ष उनकी समस्या को उठाया जाएगा। यह वे विस्थापित हैं जिन्होंने पौंग बांध निर्माण में अपना सब कुछ गंवाया था।

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