मान्यता : भराड़ी के मिहाड़ा में है 800 साल पुराना हाथी खुंड, लोगों को मिला था धन
Elephant Pole in Mihada जिला बिलासपुर की उपतहसील भराड़ी व ग्राम पंचायत भराड़ी के गांव मिहाड़ा में एक पुराना हाथी खुंड है । यह सदियों से ऐसी ही अवस्था में देखा जा रहा है। यह पूरी तरह से चट्टानी पत्थर से बना हुआ है।
By Virender KumarEdited By: Updated: Mon, 14 Mar 2022 04:34 PM (IST)
भराड़ी, जनक राज। Elephant Pole in Mihada, जिला बिलासपुर की उपतहसील भराड़ी व ग्राम पंचायत भराड़ी के गांव मिहाड़ा में एक पुराना हाथी खुंड है । यह सदियों से ऐसी ही अवस्था में देखा जा रहा है। यह पूरी तरह से चट्टानी पत्थर से बना हुआ है और इसके ऊपर हाथी की चेन की रगड़ से निशान बने हुए हैं । यह कई दशकों से ऐसे ही इस पत्थर के ऊपर नजर आते हैं, जो कि काफी बड़ा दिखता है । स्थानीय लोगों के अनुसार यहां हाथी के बांधने से निशान पड़ा हुआ है ।
स्थानीय गांव मिहाड़ा के 95 वर्षीय जोगीराम शर्मा ने बताया कि लगभग 800 वर्ष पूर्व रूंडों का राज होता था । वे लोग इस स्थान पर रुकते थे और वह हाथी की सवारी करते थे । वही लोग हाथी को यहां पर बांधा करते थे। इसके चलते इसे हाथी खुंड कहा जाता था और इसके ऊपर पड़ा हुआ निशान हाथी को बांधने वाली चेन से पड़ा हुआ बताया जाता है।
लोगों का मानना है कि इसी गांव के साहूकार लोगों को यहां पर धन भी मिला था । जो लोग यहां पर रुकते थे, उन्होंने यहां धन भी दबाया हुआ था । इससे प्रतीत होता है कि वह किसी बड़े राजवंश के लोग हुआ करते थे। इसी गांव के साहूकार परिवार से संबंध रखने वाले व्यवसायी प्रेम लाल शर्मा 57 वर्षीय ने बताया कि उन्होंने भी अपने बुजुर्गों से सुना है कि लगभग 800 वर्ष पूर्व यहां पर बुजुर्गों को कुछ धन मिला था, लेकिन वह हमने आज तक नहीं देखा है, क्योंकि यह सैंकड़ों वर्ष पूर्व की बातें हैं ।
स्थानीय पंचायत के प्रधान प्यारे लाल शर्मा ने भी स्थानीय लोगों की बात पर अपना समर्थन देते हुए कहा कि उन्होंने भी बुजुर्गों से इस तरह की बात सुनी है । जो कि हाथी खुंड एक पौराणिक खुंड के तौर पर लोगों में समझा जाता है और लोगों की धारणा है कि इसके ऊपर पत्थर फेंक कर गुजरना होता है ।
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