चंबा के जोत में स्थापित होगा प्रदेश का दूसरा डाप्लर राडार, तीन दिन पहले मिलेगी मौसम की सटीक जानकारी
बादल फटना तूफान या फिर बारिश होने का सटीक पूर्वानुमान देने में अब चंबा का प्रशासन भी सक्षम होगा। इसके लिए प्रदेश का दूसरा डाप्लर राडार चंबा जिला के जोत में स्थापित होगा। प्रदेश में पहला डाप्लर राडार शिमला के कुफरी में स्थित है।
चंबा, सुरेश ठाकुर। बादल फटना, तूफान या फिर बारिश होने का सटीक पूर्वानुमान देने में अब चंबा का प्रशासन भी सक्षम होगा। इन घटनाओं की जानकारी विभाग को तीन दिन पहले ही पता चल जाएगी। इसके लिए प्रदेश का दूसरा डाप्लर राडार चंबा जिला के जोत में स्थापित होगा। प्रदेश में पहला डाप्लर राडार शिमला के कुफरी में स्थित है।
इसके स्थापित होते ही इसकी टेस्टिंग करने के उपरांत दिसंबर के अंत से पहले यह राडार काम करना शुरू कर देगा। अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित डाप्लर राडार की खासियत यह है कि बादलों के फटने जैसी घटनाओं के होने से पहले ही जानकारी मिल जाएगी। बारिश, तूफान या अंधड़ के साथ तेज हवाओं के यहां पहुंचने से पहले ही जानकारी मिल जाने से जरूरी एहतियात बरतना भी आसान हो जाएगा। इसे स्थापित करने के लिए चंबा प्रशासन ने जगह का चयन कर कार्य शुरू कर दिया है। राडार लगाने पर करीब आठ करोड़ रुपये खर्च होंगे।
अब राजस्व विभाग का नहीं लेना पड़ेगा सहारा
जिले में डाप्लर राडार न होने के कारण प्रशासन को मौसम संबंधित सूचनाएं जुटाने के लिए राजस्व विभाग का सहारा लेना पड़ता है। मगर महकमे के पास मौसम के आंकड़े उपलब्ध करने के लिए कोई भी उपकरण नहीं है। प्रदेश के नामी पर्यटन स्थलों की सूची में शुमार जिला चंबा में यहां आने वाले पर्यटकों को मौसम तथा तापमान संबंधी जानकारी नहीं मिल पाती, मौसम का पूर्वानुमान तो दूर की बात है। चंबा जिला में प्राकृतिक आपदाएं, जिनमें बादल फटने जैसी घटनाएं हर वर्ष होती हैं, जिसमें किसानों की भूमि, मकान तथा माल, मवेशी बह जाते हैं। ऐसे में मौसम संबंधी किसी भी पूर्वानुमान बताने वाले यंत्र के जिला में न होने के कारण लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। जिला में एक अत्याधुनिक डाप्लर राडार लगाने की योजना बनी थी, जिसे अब प्रशासन ने सिरे चढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है।
360 डिग्री एंगल में 100 किमी की जानकारी देगा
चंबा शहर से जोत की दूरी 25 किमी है। यह खूबसूरत पर्यटन स्थल समुद्र की सतह से 2286 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां स्थापित राडार 100 किमी के दायरे में 360 डिग्री एंगल पर कार्य करेगा। यह हिमालय समेत चारों दिशाओं के मौसम पर नजर रख सकेगा। इससे हवा की गति व दिशा, तापमान व आद्र्रता की महत्वपूर्ण जानकारी मिलती रहेगी।
पहले पता चल जाएगा
समय रहते बारिश-बर्फबारी और ओलावृष्टि की जानकारी मिलने से किसान-बागवान फलदार पौधों को सुरक्षित करने के लिए कदम उठा सकते हैं। इसके साथ-साथ पारंपरिक फसलों के लिए बारिश की संभावना का भी पता चलेगा। मौसम संबंधी हर तरह की जानकारी अब पहले उपलब्ध होगी। इससे पहले ऐसी जानकारी के लिए चंबा को शिमला के कुफरी में स्थित केंद्र पर निर्भर रहना पड़ता था। राडार प्रणाली कंप्यूटरीकृत है और डिजिटल तस्वीरें उपलब्ध करवाएगा।
चंबा जिला के जोत में डाप्लर राडार स्थापित होगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस राडार के स्थापित होने से जिला में बादलों के फटने जैसी घटनाओं के होने से पहले ही जानकारी मिल जाएगी।
-डीसी राणा, उपायुक्त चंबा
चंबा जिला में हर बार बादल फटने से करोड़ों का नुकसान होता है, जिसको देखते हुए चंबा जिला में मौसम विभाग से डाप्लर राडार स्थापित करने की मांग प्रमुखता के साथ उठाई थी। इसे अब मंजूरी मिल गई है। राडार के स्थापित होने से चंबा जिला के लोगों को काफी राहत मिलेगी।
-पवन नैयर, विधायक सदर चंबा